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गुरु नानक जयंती 2017: जानिए क्यों मनाया जाता है गुरु पर्व, गुरुद्वारों में उमड़ी लोगों की भीड़

गुरु पर्व के दिन सुबह 5 बजे प्रभात फेरी निकाली जाती है। इसके बाद लोग गुरुद्वारों में कथा का पाठ सुनते हैं।

Updated on: 04 Nov 2017, 09:58 AM

नई दिल्ली:

पूरे देश में धूमधाम से गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाशोत्सव मनाया जा रहा है। गुरु नानक जयंती को 'गुरु पर्व' के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को सिख धर्म में 'प्रकाश उत्सव' भी कहा जाता है। इस खास मौके पर दिल्ली के बंगला साहिब गुरुद्वारा को दुल्हन की तरह सजाया गया है तो वहीं कीर्तन और लंगर की खास व्यवस्था की गई है।

हिंदू पंचाग के मुताबिक, गुरु पर्व कार्तिक माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। गुरुग्रंथ सिख सम्प्रदाय का सबसे प्रमुख धर्म ग्रंथ माना है। 1705 में दमदमा साहिब में दशमेश पिता गुरु गोविंद सिंह जी ने गुरु तेगबहादुर जी के 116 शब्द जोड़कर इसको पूर्ण किया था। इसमें कुल 1430 पृष्ठ है।

माना जाता है कि गुरु नानक जी ने अपने व्यक्तित्व में दार्शनिक, योगी, धर्मसुधारक, देशभक्त और कवि के गुण समेटे हुए थे।

गुरु पर्व के दिन सुबह 5 बजे प्रभात फेरी निकाली जाती है। इसके बाद लोग गुरुद्वारों में कथा का पाठ सुनते हैं। इसके बाद निशान साहब और पंच प्यारों की झाकियां निकाली जाती है। इसे नगर कीर्तन के नाम से भी जाना जाता है।

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