logo-image

Chhath Puja 2016 : जानिए छठ पूजा करने की विधि और शुभ मुहूर्त

भारत त्यौहारों का देश है, यहां हर पर्व की अपनी अलग पहचान और खासियत है। विदेश में भी भारतीय संस्कृति ने अपनी छाप छोड़ने में कामयाब हासिल की है।

Updated on: 05 Nov 2016, 07:57 PM

नई दिल्ली:

भारत त्यौहारों का देश है, यहां हर पर्व की अपनी अलग पहचान और खासियत है। विदेश में भी भारतीय संस्कृति ने अपनी छाप छोड़ने में कामयाबी हासिल की है। दिवाली की धूम के छह दिन बाद छठ का पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। वर्ष में दो बार मनाए जाने वाले छठ महापर्व को पवित्रता, श्रद्धा और आस्था के लिए जाना जाता है। पहला छठ पर्व चैत्र माह में और दूसरा कार्तिक माह में मनाया जाता है। कार्तिक माह की षष्ठी को मनाया जाने वाले इस महापर्व का खास महत्व है। यूपी, बिहार, पूर्वांचल, झारखंड और नेपाल के कई हिस्सों में छठ पूजा को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। आज हम आपको छठ पूजा की विधि, शुभ मुहूर्त और इसके इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं।

छठ महापर्व के व्रत की विधि

छठ की पूजा गंगा,यमुना नदी या फिर पोखरों में की जाती है। इसका व्रत नहाय खाय के साथ शुरू होता है और चौथे दिन सूर्यास्त में अर्ध्य दिया जाता है| तत्पश्चात ही भोजन किया जाता है। देने के बाद यह समाप्त होता है। इस व्रत में महिलाएं दो दिन तक उपवास रखती हैं और अपने पति व पुत्र की दीर्घायु की कामना करती हैं। पंचमी को उपवास करके संध्याकाळ में किसी तालाब या नदी में स्नान करके सूर्य भगवान को अर्ध्य दिया जाता है। तत्पश्चात ही भोजन किया जाता है। षष्ठी के दिन प्रात:काल स्नानादि के बाद संकल्प लिया जाता है। संकल्प लेते समय इन मन्त्रों का उच्चारण करें

मन्त्रों का उच्चारण

ऊं अद्य अमुकगोत्रोअमुकनामाहं मम सर्व
पापनक्षयपूर्वकशरीरारोग्यार्थ श्री
सूर्यनारायणदेवप्रसन्नार्थ श्री सूर्यषष्ठीव्रत करिष्ये।
पूरा दिन निराहार और नीरजा निर्जल रहकर पुनः नदी या तालाब पर जाकर स्नान किया जाता है और सूर्यदेव को अर्ध्य दिया जाता है।

ये भी पढ़ें, Chhath puja 2016 : जानें, छठ महापर्व का इतिहास और सबसे पहले किसने शुरू की ये पूजा

अर्ध्य

अर्ध्य देने की भी एक विधि होती है। एक बांस के सूप में केला एवं अन्य फल, अलोना प्रसाद, ईख आदि रखकर उसे पीले वस्त्र से ढक दें| तत्पश्चात दीप जलाकर सूप में रखें और सूप को दोनों हाथों में लेकर इस मन्त्र का उच्चारण करते हुए तीन बार अस्त होते हुए सूर्यदेव को अर्ध्य दें।

ऊं एहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजोराशे जगत्पते।
अनुकम्पया मां भवत्या गृहाणार्ध्य नमोअस्तुते॥

छठ पूजा 2016 शुभ मुहूर्त

छठ पूजा पहला दिन (4 नवंबर)

नहाय खाय

सूर्योदय का समय : 06:35

सूर्यास्त का समय : 17:34

छठ पूजा दूसरा दिन (5 नवंबर)

लोहांडा और खरना

सूर्योदय का समय : 06:36

सूर्यास्त का समय : 17:33

छठ पूजा तीसरा दिन (6 नवंबर)

संध्या अर्ध्य

सूर्योदय का समय : 06:37

सूर्यास्त का समय : 17:32

छठ पूजा चौथा दिन (7 नवंबर)

छठ पूजा उषा अर्ध्यए परना

सूर्योदय का समय : 06:38

सूर्यास्त का समय : 17:32

इस महापर्व में चौथा दिन सबसे खास माना जाता है।