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राजस्थान में कांग्रेस की जीत का ट्रम्प कार्ड रहा किसानों की कर्जमाफी की घोषणा, पूरा करना बड़ी चुनौती

जिन वादों के दम पर कांग्रेस सरकार सत्ता में आई उनको पूरा करना किसी चुनौती से कम नही है.

Updated on: 16 Dec 2018, 10:55 AM

नई दिल्ली:

राजस्थान में भाजपा से कड़े मुकाबले के बाद आखिर कांग्रेस सत्ता में आ गई साथ ही मुख्यमंत्री का सस्पेंस भी खत्म हो गया. मगर जिन वादों के दम पर कांग्रेस सरकार सत्ता में आई उनको पूरा करना किसी चुनौती से कम नही है. किसानों की कर्जमाफी एक बडी घोषणा रही जिसको पूरा करना बडी चुनौती है. कांग्रेस सरकार के सत्ता में आते ही किसानों को कर्जमाफी की आस जागी है. किसानों का कहना है 10 दिन में कांग्रेस पार्टी किसानों की कर्जमाफी की घोषणा को पूरा करें. इसको लेकर भाजपा के नेता भी कांग्रेस पर हमला बोल रहे हैं. भाजपा का कहना है कि हम इंतजार कर रहे हैं अगर 10 दिन में सरकार ने कर्जमाफी नहीं की तो सदन के अंदर और बाहर आंदोलन करेंगे.

कितने हैं कर्जदार किसान और कितने रुपयों की होगी जरूरत

प्रदेश में करीब 59 लाख किसान कर्जदार हैं. अब सरकार बनने के बाद सरकार अपना वादा पूरा करती है तो इन किसानों को कर्ज माफा करने के लिए 99 हजार करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी. निवर्तमान सरकार ने मात्र साढ़े आठ हजार करोड़ माफ करने के लिए पांच हजार करोड़ को कर्ज एनसीडीसी (नेशनल कोऑपरेटिव डवलपमेंट कॉर्पोरेशन) से लिया था. राजस्थान सरकार ने पहली बार किसानों का कर्ज माफ वर्ष 2008 में किया था. पचास हजार रुपए तक के लोन माफ करने के लिए सरकार के पास बजट नहीं था. सरकार ने इसके लिए अपेक्स बैंक को मात्र दो हजार करोड़ रुपए देने का प्रावधान किया था. बाकी रकम के लिए के लिए बैंक ने सरकार की गारंटी पर एनसीडीसी से लोन लिया था. दावा है कि अभी तक करीब साढ़े सात हजार करोड़ रुपए माफ किए हैं. सरकार के इस फैसले के समय से ही कांग्रेस ने इसे नाकाफी बताया था.

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चुनाव प्रचार में कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने घोषणा की थी कि सरकार में आए तो दस दिन में किसानों के सभी लोन माफ कर देंगे. पार्टी के इस दावे का असर विभाग पर भी दिखा. कांग्रेस का बहुमत आने के साथ ही सहकारिता विभाग ने रिकॉर्ड खंगालना शुरू कर दिया है. इसके लिए विभाग के निर्देश पर अपेक्स बैंक ने सभी सीसीबी (सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक) को पत्र लिख कर बकाया लोन की जानकारी मुख्यालय भेजने के लिए गुरुवार तक का समय दिया था. इसके अलावा सहकारी विभाग भूमि विकास बैंक व अन्य शाखाओं से दिए लोन की जानकारी जुटा रहा है. सरकार के आदेश के साथ वित्तीय व्यवस्था का भी इंतजार किया जा रहा है. बैंक कमेटी की मार्च 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक 58 लाख 84 हजार से अधिक बैंक खाते किसानों के कर्ज के हैं. इनमें करीब 33 लाख किसानों ने तो व्यावसायिक बैंकों से लोन लिया हुआ है. अन्य किसान ने सहकारी क्षेत्र के बैंक से लोन लिया हुआ है.

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भाजपा सरकार ने जो कर्ज माफ किया है वे सभी सहकारी बैंक से लिए लोन से जुड़े हैं. अब सभी किसानों का कर्ज माफ करने के लिए सरकार को 9999587 लाख रुपए चाहिए. कर्ज माफी के लिए यह बजट सरकार के लिए आसान नहीं है. हालांकि कांग्रेस विधायक दल के नेता और सीएम बनने जा रहे अशोक गहलोत का कहना है कि पहली केबिनेट का इंतजार करिए. वहीं डिप्टी सीएम बनने जा रहे सचिन पायलट का कहना है कि घोषणा पत्र का हर वादे को पूरा करेंगे.

गौरतलब है कि कांग्रेस की जीत में किसानों का अहम रोल रहा है,,ऐसे में यह घोषणा सरकार को पूरी करनी होगी नही तो लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.