राजस्थान में ज़ीका वायरस का कहर, जयपुर में 11 गर्भवती समेत 50 पहुंची मरीजों की संख्या
राजस्थान में जानलेवा ज़ीका वायरस का कहर जारी है. राज्य में वायरस से ग्रसित मरीज़ों की संख्या बढ़ती जा रही है. राजस्थान में स्वास्थ्य हालत बिगड़ते जा रहे है.
नई दिल्ली:
राजस्थान में जानलेवा ज़ीका वायरस का कहर जारी है. राज्य में वायरस से ग्रसित मरीज़ों की संख्या बढ़ती जा रही है. राजस्थान में स्वास्थ्य हालत बिगड़ते जा रहे है. राजस्थान के जयपुर जिले में ज़ीका वायरस पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर पचास हो गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, इन मरीजों में 11 गर्भवती महिलायें भी शामिल है. शास्त्री नहर इलाके में तीन छात्रों में ज़ीका वायरस टेस्ट पॉजिटिव आया है. इस इलाके में ज़ीका वायरस के 10 नए ताज़ा मामले सामने आया है. 22 सितम्बर को ज़ीका वायरस का पहला मामला सामने आया था.
सिंधी कैंप से मच्छरों के कुछ सैंपल लिए गए जिसमें ज़ीका वायरस की पुष्टि की गई. घनी आबादी वाले शास्त्री नगर में मच्छरों में ज़ीका वायरस के लक्षण पाए गए थे. ऐसा मन जा रहा है कि इन मच्छकरों के कारण ज़ीका वायरस संक्रमण फ़ैल रहा है.
ये एक वायरस है जो एडीज, एजिप्टी और अन्य मच्छरों से फैलता है, ये चिकनगुनिया और डेंगू भी फैलाते हैं. इस वायरस से पीड़ित व्यक्ति बुखार, जोड़ों में दर्द, शरीर पर लाल चकत्ते, थकान और सिर दर्द जैसे लक्षण होते हैं. यह वायरस सबसे पहले अफ्रीक और दक्षिण एशिया के कुछ देशों में पाया गया था. लेकिन धीरे-धीरे अब यह वायरस लगभग 23 देशों में पांव पसार चुका है.
ज़ीका वायरस से गर्भपात
एक नया शोध बताता है कि जीका संक्रमण के कारण किसी महिला की गर्भावस्था में बाधा पड़ सकती है. इसका कोई लक्षण भले ही नजर न आता हो, लेकिन यह गर्भपात और मृत शिशु के जन्म का कारण हो सकता है. जीका वायरस के कारण दिमागी विकृतियों वाले बच्चे पैदा होते हैं. इस समस्या को 'माइक्रोसिफेली' कहा जाता है. मनुष्यों में जीका संक्रमण होने पर बुखार, शरीर में चकत्ते, सिरदर्द, जोड़ों और मांसपेशी में दर्द, और आंखों में लाल रंग आना प्रमुख है.
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मच्छरों से ऐसे करें बचाव
जब एडिस मच्छर सक्रिय होते हैं, उस समय घर के अंदर रहें। ये मच्छर दिन के दौरान, सुबह बहुत जल्दी और सूर्यास्त से कुछ घंटे पहले काटते हैं.
* जब आप बाहर जाएं तो जूते, मोजे, लंबी आस्तीन वाली शर्ट और फुलपैंट पहनें.
* यह सुनिश्चित करें कि मच्छरों को रोकने के लिए कमरे में स्क्रीन लगी हो.
* ऐसे बग-स्प्रे या क्रीम लगाकर बाहर निकलें, जिसमें डीट या पिकारिडिन नामक रसायन मौजूद हो.
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