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राजस्थान : पहली ही कैबीनेट बैठक में अशोक गहलोत सरकार ने BJP के इन फैसलों को पलटा

बैठक में सरकार की जवाब देही फिर से तय की गई है.

Updated on: 30 Dec 2018, 09:50 AM

नई दिल्ली:

राजस्थान में 5 साल बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार ने शनिवार को कैबिनेट की पहली बैठक  आयोजित की. बैठक में सरकार की जवाबदेही फिर से तय की गई है. कैबिनेट बैठक में एक दर्जन से ज्यादा अहम फैसले लिए गए हैं. कांग्रेस सरकार की पहली केबीनेट में सबसे अहम फैसला वसुंधरा राजे सरकार के अंतिम 6 माह के कार्यकाल में लिए गए निर्णयों की समीक्षा की जानी है. सरकार ने कांग्रेस के ‘जन घोषणा पत्र’ को प्रदेश सरकार का नीतिगत दस्तावेज बनाने का फैसला किया है. इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मंत्रिमंडलीय समिति का गठन किया जाएगा. राज्य कैबिनेट की बैठक खत्म होने के बाद ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला और चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में फैसलों के बारे में जानकारी दी.

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राज्य के मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते डॉ. शर्मा ने बताया कि मनरेगा का क्रियान्वयन करने की सरकार की पहली प्राथमिकता होगी. उनके मुताबिक 5 सालों में रिफाइनरी को लेकर शिथिलता बरती गई, लेकिन राज्य सरकार को लेकर रिफाइनरी को प्राथमिकता में रखा है. बीडी कल्ला और रघु शर्मा ने बताया कि बैठक में लिए गए फैसलों के मुताबिक ‘जन घोषणा पत्र’ राज्य सरकार का नीतिगत दस्तावेज होगा. सभी विभाग चुनाव घोषणा के पत्र के अनुसार काम करेंगे.

चिकित्सा एवं सूचना जनसंपर्क मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि वसुंधरा राजे सरकार द्वारा बन्द की गई हरिदेव जोशी पत्रकरिता विश्वविद्यालय और अंबेडकर लॉ यूनिवर्सिटी को फिर से शुरू करने का फैसला लिया गया है. इसके साथ ही बीजेपी सरकार की तर्ज़ पर सभी मंत्री अब जनता दरबार लगाएंगे. इस दरबार में सुबह 9 से 10 बजे तक जनता की समस्याएं सुनी जाएंगी. दूसरी ओर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी ने कहा अभी तो फैसले लिए हैं पता चलेगा कैसे जमीनी धरातल पर लाते हैं.

कैबिनेट बैठक में हुए ये फैसले

  • पंचायत राज संस्थाओं और नगरीय निकायों में शैक्षणिक बाध्यता हटाई, वसुंधरा राजे सरकार ने 5वीं और 8वीं पास योग्यता थी.
  • किसानों के फसली ऋण के लिए अंतर विभागीय समिति का गठन होगा.
  • वृद्धावस्था पेंशन योजना चालू रहेगी.
  • 500 रुपए वालों को 750 रुपए पेंशन मिलेगी.
  • जिन्हें 750 रुपए मिल रहे थे, उन्हें एक हजार रुपए मिलेंगे.
  • संविदाकर्मियों की समस्याओं के लिए कमेटी का गठन होगा, जो शिक्षणकर्मी सहित तमाम कर्मियों की समस्याओं का समाधान करेगी.
  • जवाबदेही व पारदर्शी सरकार के लिए राजस्थान लोक सेवा प्रदान की गारंटी एक्ट फिर से लागू होगा.
  • सरकारी लेटर हेड पर से दीनदयाल उपाध्याय का फोटो हटेगा, अब सिर्फ अशोक स्तंभ रहेगा.
  • स्थानीय नगर निकाय में मेयर पद का चुनाव सीधा होगा, अभी मेयर को पार्षद चुनते हैं.
  • पंचायती राज स्थानीय निकाय शैक्षणिक योग्यता के लिए संशोधन जाएंगे.
  • वसुंधरा राजे सरकार के अंतिम 6 माह के निर्णयों की समीक्षा की जाएगी.
  • प्रदेश का व्यक्ति चाहे वह पढ़ा लिखा हो या अनपढ़, सत्ता की भागीदारी में उसका योगदान सुनिश्चित होगा.