5 साल की मन्नतों के बाद पैदा हुआ था बच्चा, 5 मिनट के अंदर हो गई मौत.. पूरा मामला जान रो पड़ेगी आपकी रूह
श्रीगंगानगर का रहने वाला एक दंपति संतान प्राप्ति के लिए लगातार 5 साल से देश के कोने-कोने में जाकर मन्नतें मांग रहा था.
श्रीगंगानगर:
संतान प्राप्ति के लोग क्या-क्या उपाय नहीं करते हैं? कुछ लोग संतान प्राप्ति के लिए लोग देशभर के अस्पतालों के चक्कर काटते हैं, तो कुछ लोग दुनिया भर की पूजा-पाठ और तमाम तरह के टोटके भी आजमाते हैं. दरअसल एक इंसान के जीवन में संतान प्राप्ति का सुख ऐसा सुख है, जिससे उसका जीवन पूर्ण होने के साथ-साथ वंश चलता रहता है. इस पूरी प्रक्रिया में लोगों को कई साल लग जाते हैं और कई बार तो ऐसे मामले में भी देखने को मिलते हैं, जिनमें लोग माता-पिता बनने के इंतजार में आधी जिंदगी खत्म कर देते हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मामले के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे पढ़ने के बाद आपकी रूह भी रो पड़ेगी.
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राजस्थान के श्रीगंगानगर का रहने वाला एक दंपति संतान प्राप्ति के लिए लगातार 5 साल से देश के कोने-कोने में जाकर मन्नतें मांग रहा था. पति-पत्नी की मन्नतें स्वीकार भी हुई, लेकिन शायद उनके जीवन में संतान सुख ज्यादा दिनों के लिए नहीं था. मनोज कुमार और गीतांजली को शादी के 5 साल बाद बेटा हुआ. बेटे के जन्म के बाद घर में जमकर खुशियां मनाई गई, परिवार ने बच्चे का नाम हैरी रखा. बीते शुक्रवार को नवजात बच्चे की लंबी उम्र की प्रार्थना के लिए पूरा परिवार रत्तेवाला के धर्मस्थल में धोक लगवाने गया था. बच्चे को धोक लगवाने के बाद गाड़ी में सवार होकर घर के लिए वापस खाटलबाणा लौट रहा परिवार रास्ते में ही उजड़ गया.
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गाड़ी में मनोज के अलावा उसकी पत्नी गीतांजली, बेटा हैरी, मां सीमादेवी, विजय कुमार और दिव्या सवार थे. चूनावढ़ के आगे मनोज जैसे ही बाला जी मंदिर के पास पहुंचा तो सामने आ रहे ट्रक ने बिना किसी संकेत के गलत तरीके से अचानक कट मार दिया. ट्रक से बचने की कोशिश में मनोज की गाड़ी काबू से बाहर हो गई और पेड़ से जाकर टकरा गई. इस हादसे में नवजात बच्चे हैरी समेत मनोज की मां सीमा देवी और विजय कुमार की मौत हो गई. जबकि मनोज, गीतांजली और दिव्या का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है. पूरे मामले में सबसे ज्यादा दुख उस नन्हे बच्चे का है, जो पांच साल की मन्नतों के बाद पैदा हुआ और महज पांच मिनट से भी कम समय के हादसे में मारा भी गया.
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