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राजस्थान में गर्मी का कहर : मरीजों से भरे अस्पताल, दिल-दिमाग के पेशेंट पर दिख रहा असर

पिछले 11 दिनों से राजस्थान का कोई ना कोई शहर देश का सबसे गर्म शहर बना हुआ है.

Updated on: 12 Jun 2019, 07:25 AM

नई दिल्ली:

राजस्थान में गर्मी सभी रिकॉर्ड तोड़ने पर आमदा हो गई है, प्रदेश में 4 बार तापमान 50 डिग्री को पार कर गया है. वही पिछले 11 दिनों से राजस्थान का कोई ना कोई शहर देश का सबसे गर्म शहर बना हुआ है. इस सबके बीच अब यह गर्मी जानलेवा हो रही है. इस बीच 30 से अधिक लोगों की मौत गर्मी से हो चुकी है वही गर्मी का कहर मौसमी बीमारियों में इस कदर बढ़ रहा है कि हॉस्पिटल्स का आउटडोर चार गुना हो गया है. बच्चे और बड़े बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं न्यूरिलोजिकल बीमारियों सहित दिल के मरीजों पर भी असर पड़ रहा है.

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बात जयपुर शहर की करें तो यहां भीषण गर्मी ने लोगों का दिन में ही नहीं बल्कि रात में भी घर से बाहर निकलना मुश्किल कर दिया है. बच्चे और बड़े बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. उल्टी-दस्त व न्यूरोलॉजिकल बीमारियों सहित दिल के मरीजों पर भी असर पड़ रहा है. गर्मी से बीमार होकर बड़ी संख्या में बच्चे सवाई मानसिंह अस्पताल, जेके लोन अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में पहुंच रहे हैं. इस समय सबसे अधिक मरीज थकान, बैचेनी, घबराहट के शिकार होकर पहुंच रहे हैं. दिल के रोगियों को भी इस मौसम में बड़ी परेशानी हो रही है. हालांकि ऐसे रोगी अभी ओपीडी में इलाज के तौर पर ही आ रहे हैं.

गर्मी के मौसम में शरीर में पानी और नमक की कमी के कारण परेशानी होती है. मस्तिष्क का एक केन्द्र जो तापमान को सामान्य बनाए रखता है, काम करना छोड़ देता है. लाल रक्त वाहिनियां टूट जाती हैं और कोशिकाओं में पाया जाने वाला पोटेशियम लवण रक्त संचार में आ जाता है. इससे हृदय गति, शरीर के अन्य अवयव व अंग प्रभावित होकर लू-तापघात के मरीज की जान के लिए खतरा हो जाते हैं. मनोरोग विशेषज्ञों के अनुसार भीषण गर्मी में मनोरोगियों के मानसिक संतुलन पर भी असर पड़ता है.

भीषण गर्मी के कारण बढ़ रही बीमारियों को लेकर राजस्थान सरकार के चिकित्सा विभाग ने अलर्ट जारी किया है. जयपुर सहित सभी जिला मुख्यालयों, सीएससी, पीएससी को आवश्यक दिशा निर्दर्श दिए हैं. हीट स्ट्रोक की स्तिथि में मरीज को थकान, बैचेनी और घबराहट की शिकायत के साथ मरीज ओपीडी में आ रहे हैं. शरीर में नमक और पानी की कमी के कारण ऐसे मरीज बढ़ रहे हैं. आने वाले दिनों में तापमान कम नहीं होने पर इस तरह के मरीजो की स्थिति गंभीर भी होने की आशंका रहेगी.