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गुर्जर आंदोलन : रेल की पटरी पर जमे आंदोलनकारी, 5 ट्रेनें हुईं रद्द, 1 का बदला गया रूट

अपनी मांगों के साथ प्रदर्शनकारी रेल की पटरी पर बैठ गए हैं.

Updated on: 09 Feb 2019, 10:50 AM

नई दिल्ली:

राजस्थान में 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर 'अबकी बार, आखिरी बार' के नारे के साथ गुर्जर समाज आंदोलन पर उतर गया है. अपनी मांगों के साथ प्रदर्शनकारी रेल की पटरी पर बैठ गए हैं. अलाव जलाकर सर्द रात का मुकाबला कर रहे हैं वहीं प्रदर्शन में शामिल होने वाले छात्र पटरी पर ही पढ़ाई शुरू कर दी है.


राजस्थान में गुर्जर समुदाय द्वारा चल रहे आरक्षण आंदोलन के कारण पश्चिम मध्य रेलवे जोन के कोटा डिवीजन में पांच ट्रेनों को रद्द कर दिया गया और एक को डायवर्ट किया गया है.

रेलवे ट्रैक को जाम करने की वजह से कई ट्रेनों पर असर पड़ा है.

गौरतलब है कि गुर्जरों ने सरकार को 20 दिन का अल्टीमेटम दिया था. सरकार की ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं होने के बाद गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोडी सिंह बैंसला की अगुवाई में आज महापंचायत हुई. महापंचायत में फैसले के बाद शाम 4 बजे आंदोलन का ऐलान किया गया.

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इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुर्जर आरक्षण आंदोलनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पहले भी उनकी बात सुनी थी और अब भी सुनेगी. गहलोत ने कहा कि सरकार समाधान के लिए बेहद गंभीर है और राज्य सरकार के स्तर पर गंभीर प्रयास किया गया है.

बैंसला ने दी आंदोलन की चेतावनी

किरोड़ी सिंह बैंसला ने हाल ही में कहा था कि सरकार ने यदि गुर्जर और चार अन्य जातियों को पांच प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया तो आठ फरवरी से राज्य में गुर्जर आरक्षण आंदोलन फिर से शुरू किया जाएगा. अजमेर में मंगलवार को आयोजित गुर्जर समाज की बैठक में बैंसला ने मांग नहीं माने जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी थी. बैंसला ने कहा कि हमें पांच प्रतिशत आरक्षण चाहिए, कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इस बारे में वादा किया था और अब हम कांग्रेस सरकार से सरकारी दस्तावेज बन चुके घोषणा पत्र के वादे को पूरा करने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आंदोलन के तहत राजमार्गों और सड़कों को अवरूद्व किया जाएगा.

गुर्जर समाज सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए गुर्जर, रायका-रेबारी, गडिया लुहार, बंजारा और गडरिया समाज के लोगों को 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है. वर्तमान में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के अतिरिक्त 50 प्रतिशत की कानूनी सीमा में गुर्जर को अति पिछड़ा श्रेणी के तहत एक प्रतिशत अलग से आरक्षण मिल रहा है.

वहीं इस पूरे मामले के लिए राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष एवं उपमुख्यमंत्री पायलट ने कहा कि केंद्र सरकार को गुर्जर आरक्षण के मामले में आई कानूनी अड़चनों को दूर करने के लिए काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और पार्टी गुर्जर आरक्षण के मुद्दे पर प्रतिबद्ध है और न्याय दिलाकर मानेगी. पायलट ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़ों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के केंद्र सरकार के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ही इस काम को कर सकती है. मैं तो केंद्र सरकार से भी आग्रह करूंगा कि जिस प्रस्ताव को विधानसभा पारित कर चुकी है. कई बार हमारी सरकारों ने इसे स्वीकृति दी, पिछली सरकार ने भी दी. तो केंद्र सरकार को इसका भी गंभीरता से अध्ययन करना चाहिए. 

पायलट ने कहा कि 5 प्रतिशत के इस (गुर्जर) आरक्षण में जो कानूनी अड़चनें आई हैं (केंद्र को) उनका समाधान निकालने के लिए काम करना चाहिए.