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राजस्थान में जीका वायरस पीड़ितों की संख्या हुई 29, राज्य सरकार ने उठाया ये कदम

राजस्थान की जयपुर में जीका वायरस से 29 मरीजों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. इसकी पुष्टि होने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने इस विषाणु के प्रसार पर स्वास्थ्य मंत्रालय से व्यापक रिपोर्ट मांगी है.

Updated on: 09 Oct 2018, 06:17 PM

नई दिल्ली:

राजस्थान की जयपुर में जीका वायरस से 29 मरीजों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. इसकी पुष्टि होने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने इस विषाणु के प्रसार पर स्वास्थ्य मंत्रालय से व्यापक रिपोर्ट मांगी है. इस मामले पर राजस्थान की अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) वीनू गुप्ता ने कहा, '150-200 टीमें बनाई गई हैं. 26,000 घरों का सर्वे किया गया है। बुखार के सभी मामलों को सूचीबद्ध किया गया है. यदि सैंपल इक्टठा करने की जरूरत पड़ी तो हम इसे बड़े पैमाने पर करेंगे.'

राज्य सरकार द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदम

- प्रदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाईन के अनुसार जीका वायरस की रोकथाम हेतु माइक्रो प्लान बनाकर सभी आवष्यक कदम उठाये जा रहे हैं.

- प्रदेष के मेडिकल कॉलेजों और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को दिषा-निर्देष दिए जा चुके हैं.

- केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के भेजे गए केंद्रीय दल के साथ रोकथाम के लिए आवष्यक गतिविधियां व प्रचार-प्रसार किया जा रहे हैं.

- जिला प्रशासन, जयपुर नगर निगम और महिला एवं बाल विकास विभाग की मदद से प्रभावित क्षेत्र में आमजन को जीका वायरस से बचाव और रोकथाम के प्रति जागरूक किया जा रहा है.

- प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के लगभग 170 दल कार्य कर रहे हैं.

- पाॅजिटिव मामलों को क्रास वेरीफाई करने के लिए विषेष दल बनाये गये हैं.

- हीराबाग प्रषिक्षण केन्द्र में एक विशेष आईसोलेषन वार्ड बनाया गया है.

- प्रभावित क्षेत्र को 8 जोनों में विभाजित किया गया है. एसडीओ, एसीएम, सीडीपीओ, डॉक्टर, वीबीडी सलाहकार, पीएसएम विभाग के डॉक्टरों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गयी हैं.

- एएनएम, आशा और नगर निगम कर्मचारियों को विषेष रूप से जागरूक किया जा रहा है एवं उन्हें विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है.

- राजकीय और निजी डॉक्टर, विषेष रूप से स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ और एमओ के साथ 8.10.2018 को कांवटिया अस्पताल में जीका वायरस रोग के बारे में सीएमई आयोजित की गई.

- आमजन में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रचार-प्रसार अभियान संचालित किया जा रहा है. रेडियो एफएम जिंगल्स और टीवी विजुअल के साथ-साथ सोशल मीडिया पर जागरूकता अभियान संचालित किया जा रहा है.

- पूना की वायरोलॅाजी लैब द्वारा प्रदेष के अब तक 7 मामले जीका पाॅजीटिव घोषित किये जा चुके हैं.

- जीका मच्छर के काटने से फेलता है और व्यस्कों में लकवा या अन्य अक्षमताएं पैदा कर सकता है, यह गर्भ में पल रहे षिषु के दिमागी विकास में भी बाधक बन सकता है.

- जीका वायरस वाला मच्छर सुबह और शाम को ज्यादा सक्रिय होता है यह मच्छर रुके हुए पानी में ही पनपता है.

- जीका मच्छर से इंसान में और मां से गर्भस्थ षिषु में फैल सकता है.

- जीका रोग के लक्षण मच्छर के काटने से 2 से 7 दिन के पष्चात् या जीका प्रभावित व्यक्ति से असुरक्षित यौन संबंध के बाद प्रकट हो सकते हैं.

- आंखें आना, शरीर पर दाने होना, बुखार होना, बदन दर्द होना और जोड़ों में दर्द होना इसके सामान्य लक्षण हैं.

- जीका से बचाव के लिए मच्छरों की रोकथाम आवष्यक है. विषेषरूप से घर में अथवा अन्य स्थलों पर रुके हुए साफ पानी में जीका के मच्छर पनपने की संभावना को ध्यान में रखते हुए विषेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है.

- .स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में रुके हुए पानी को हटाने व मच्छरों की रोकथाम के लिए व्यापक स्तर पर घर-घर जाकर प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है.

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क्या है जीका वायरस
ये एक वायरस है जो एडीज, एजिप्टी और अन्य मच्छरों से फैलता है, ये चिकनगुनिया और डेंगू भी फैलाते हैं. इस वायरस से पीड़ित व्यक्ति बुखार, जोड़ों में दर्द, शरीर पर लाल चकत्ते, थकान और सिर दर्द जैसे लक्षण होते हैं. यह वायरस सबसे पहले अफ्रीक और दक्षिण एशिया के कुछ देशों में पाया गया था. लेकिन धीरे-धीरे अब यह वायरस लगभग 23 देशों में पांव पसार चुका है.