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Pulwama attack : शहीद रोहिताश के पिता ने कहा, शहादत का बदला लो, 50 की जगह 500 को मारो

पिता की नम आंखों में गुस्सा है, पार्थिव शरीर को गांव में आने से पहले-पहले वे उन आंतिकयों के कफन देखना चाहते हैं

Updated on: 16 Feb 2019, 10:21 AM

जयपुर:

जम्मू कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवान रोहिताश लांबा बेटे के जन्म की खुशियां मनाकर आठ दिन पहले ही ड्यूटी पर गये थे, लोकिन मोर्चे पर बंदूक थामने से पहले ही पुलवामा में कायराना आंतकी हमले में शहादत दे दी. रोहिताश के भाई ओमप्रकाश ,जितेंद्र खुद को संभाल नहीं पा रहे हैं. वे अब अपने भाई के पार्थिव देह का इंतजार कर रहे हैं. पिता की नम आंखों में गुस्सा है, पार्थिव शरीर को गांव में आने से पहले-पहले वे उन आंतिकयों के कफन देखना चाहते हैं जिन्होने उसके भाई को उससे छीना. रोहिताश की पत्नी की तबियत पति की शहादत की खबर मिलने के साथ ही बिगड़ गई. वे अस्पताल में भर्ती हैं लेकिन जयपुर का गोविंदपुरा गांव अपने सपूत की शहादत पर तो गर्व कर रहा है. और पूरे गांव का खून उबल रहा है.

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जयपुर से 50 किलोमीटर दूर गोविंदपुरा गांव में शहीद रोहिताश लांबा के घर के हर सदस्य की आंख नम है पिता की नम आंखों में गुस्सा है अपने मामा हरफूल की गोदी में खेल रहा शहीद रोहिताश का 2 साल का बेटा भी आज अपने घर मे लोगों के मेले को देखकर हैरान है, मगर शायद अपने पिता को भी खोज रहा है. उस शहीद पिता को जो अपने बेटे के जन्मोत्सव कार्यक्रम में बेटे को लाड़ कर वापिस आने का वादा करके गया था. वे भूल नहीं पा रहे हैं कि आठ दिन पहले ही उसका बेटा गांव से ड्यटूी पर गया था. रोहिताश को बेटा हुआ था उसका जलवा पूजन का कार्यक्रम धूमधाम से मनाकर गया था.

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शहीद के पिता बाबूलाल का कहना है कि पुलवामा आंतकी हमले से कुछ देर पहले ही उसकी भाई से लंबी बात हुई थी और वह बार-बार कह रहा था उसके लिए देश और ड्यूटी पहले है. फोन से मेरी बात हुई तो शहादत से पहले वह कह रहा था कि पैसे भेज दिए हैं. मेरे बेटे की शहादत का बदला लो 50 की जगह 500 को मारो. रोहिताश की दो साल पहले ही शादी हुई थी वह परिवार का इकलौता कमाने वाला था. पत्नी मंजू देवी को रोहिताश की शहादत की खबर देने की हिम्मत 24 घंटे बाद भी किसी की नहीं हुई. लेकिन जैसे ही पता चला उनकी तबियत बिगड़ गई. अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.

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रोहिताश के भाई ओमप्रकाश लाम्बा ने कहा कि भाई की शहादत का बदला लिया जाना चाहिए, वे एक के बदले दस आंतकियों को मारें. मैं भी सेना में जाना चाहता हूं. गोविंदपुरा गांव इतना गुस्से में है कि गांव के लोगों ने पुलिस और जिला प्रशासन के अफसरों के आने पर उन्हें लौटने के लिए कह दिया कहा रोहिताश जिंदा चाहिए या फिर उसकी शहादत के लिए जिम्मेदार आंतिकयों की मौत. गांव के लोगों से पीएम से मांग की, कि इस बार महज एक और सर्जिकल स्ट्राईक से काम नहीं चलेगा सीधी पाकिस्तान से जंग हो.

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रोहिताश ही नहीं, राजस्थान के 5 लाल पुलवामा में शहीद हुए हैं, धौलपुर का लाल भागीरथ भी पुलवामा में शहीद हुआ. भागीरथ की मां का रो रो कर बुरा हाल है. वे रोते हुए बार-बार कह रहीं है कि मुझसे मेरा बेटा छीनने वालों का कत्ल कीजिए..