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दिवाली पर डीडवाना की अनोखी परंपरा, सदियों से चली आ रही है मांडणा प्रथा

भारत में आस्था और परम्परा को सर्वोपरि माना जाता है. पूरे देश में कई ऐसी परम्पराएं वर्षों से निभाई जाती हैं. राजस्‍थान के डीडवाना में भी दीपावली से जुड़ी एक परम्परा है, जो करीब सैकड़ों वर्षों से निर्वाह की जा रही है.

Updated on: 07 Nov 2018, 11:33 AM

डीडवाना (राजस्‍थान:

भारत में आस्था और परम्परा को सर्वोपरि माना जाता है. पूरे देश में कई ऐसी परम्पराएं वर्षों से निभाई जाती हैं. राजस्‍थान के डीडवाना में भी दीपावली से जुड़ी एक परम्परा है, जो करीब सैकड़ों वर्षों से निर्वाह की जा रही है. दीपावली की पूर्व संध्‍या पर महिलाएं और युवतियां अपने-अपने घर के व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर आती है और आकर्षक रंगोलियों से प्रतिष्ठानों को सजाती हैं. ऐसी मान्‍यता है कि इससे व्यापार मे समृद्धि आती है.

इसे स्‍थानीय या आम बोलचाल की भाषा में मांडणा कहा जाता है. खास बात यह है कि दिवाली के एक दिन पहले महिलाओं का प्रतिष्‍ठान में आकर रंगोली बनाना पूरे भारत में सिर्फ डीडवाना और डीडवाना से इंदौर गए यंहा के लोगों के यहां ही देखने को मिल सकता है. इलाके के जनप्रतिनिधि भी इस खास अवसर पर डीडवाना के बाजारों में पहुंचते हैं.
महिलाएं पूरी लगन से रंगोली बनाती हैं. फिर घर की बड़ी महिलाएं उन्‍हें शगुन देती हैं. गृहिणी कविता, यशोदी मोदी और नवविवाहिता प्रतिभा ने बताया, ‘महिलाओं के मुताबिक, ऐसी परंपरा उन्हें पहली बार उनकी सास से मालूम होती है और जब भी दिवाली करीब होती है तो बेसब्री से इस दिन का इंतजार करती हैं. माना जाता है कि पुराने दौर में महिलाओं को पुरुषों के बराबर समझने के लिए इस रवायत की शुरुआत की गई. महिलाएं इस मौके पर खुद को गौरवान्‍वित महसूस करती हैं.’

इस चुनावी साल में भी हर जगह डीडवाना की अनोखी परम्परा देखने को मिल रही है. डीडीवाना पर चुनावी रंग भी चढ़ा हुआ है. कई जगह मांडणा के दौरान चुनावी जागरूकता के संदेश लिखे गए हैं, ताकि मतदान वाले दिन सभी लोग बूथों पर पहुंचकर अपना वोट डाल सकें. प्रत्‍याशी भी इस मौके पर अपना जनसंपर्क बढ़ाने में लगे हैं.
महिलाओं में एक-दूसरे की बनाई रंगोली से प्रतिस्पर्धा भी देखने को मिलती है, क्योंकि डीडवाना की नगरपालिका सबसे खूबसूरत रंगोली बनाने वाली महिलाओं को इनाम भी देती है. साथ ही पूरा शहर भी रंगोलियों के देखने बाजारों मे उमड़ पड़ता है.