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राजस्थान के पूर्व मंत्री राठौड़ ने कहा- कांग्रेस सरकार का कर्ज माफी किसानों के साथ छलावा

कांग्रेस सरकार ने किसान ऋण माफी का जो आदेश जारी किया है उसमें अन्नदाताओं के साथ छलावा कर उनका मजाक उड़ाया है.

Updated on: 21 Dec 2018, 12:31 PM

नई दिल्ली:

पूर्व ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री डॉ राजेन्द्र राठौड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने किसान ऋण माफी का जो आदेश जारी किया है उसमें अन्नदाताओं के साथ छलावा कर उनका मजाक उड़ाया है. आदेश में यह कही नहीं है कि किसानों के खाते में कर्ज माफी का पैसा कब तक जमा होगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के आदेश में 30 नवंबर तक की सभी बकाया अल्पकालीन फसली ऋण माफ करने की बात कही गई है. जबकि बीजेपी सरकार ने 30 सितंबर तक का बकाया कर्ज 28 लाख किसानों का माफ कर चुकी है. 8172 करोड़ रुपए का कर्ज पहले ही माफ हो चुका है इतना ही नहीं वसुंधरा राजे सरकार ने किसानों की बिजली भी मुफ्त की थी.

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राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने ऋण माफी का जो आदेश जारी किया है, आदेश में किसान की ओर से लिए गए ऋण की अदायगी में डिफॉल्टर होने पर देय ब्याज एवं ब्याज पर पेनल्टी जो अधिकांश प्रकरणों में मूलधन से भी अधिक हो जाती है उसकी माफी के बारे में भी कोई स्पष्टता नहीं है. जबकि वादे के अनुसार सरकार को किसान का मूलधन, ब्याज एवं पेनल्टी सहित सभी कर्ज माफ करना था. उन्होंने कांग्रेस सरकार से सवाल करते हुए पूछा कि आदेश में ऋण राहत के पात्र कौन से ऋणी किसान होंगे इसके निर्धारित मापदण्ड क्या होंगे?

उन्होंने कहा कि वसुन्धरा सरकार की ऋण राहत योजना के बाद अब तक 21 लाख 34 हजार किसानों को 10 हजार 700 करोड़ रूपये का ऋण मिला है. शेष ऋण देने की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है और कांग्रेस सरकार के इस आदेश से साफ जाहिर होता है कि प्रक्रियाधीन 10 लाख किसान ऋण राहत योजना से वंचित रह जाएंगे.

उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार के समय 27 लाख 68 हजार किसानों को 7,887 करोड़ रुपये का ऋण माफ कर उन्हें ऋण माफी प्रमाण पत्र दिये गये थे और जिन किसानों का ऋण माफ किया गया था, उन किसानों को नया ऋण भी दिया गया था. उन्होंने कांग्रेस सरकार से सवाल करते हुए पूछा कि क्या कांग्रेस सरकार उनका भी कर्जा माफ करेगी या नहीं ?

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राठौड़ ने गहलोत सरकार से सवाल करते हुए पूछा कि कांग्रेस द्वारा चुनावी वादे में किसानों का पूरा कर्जा माफ करने की बात कही गई थी, जबकि वस्तुस्थिति यह है कि वर्तमान में राज्य के अन्दर करीब 59 लाख किसान है जिन पर लगभग 99,995 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है. जिसमें से अगर वर्तमान आदेश की पूर्ण पालना कर 18,000 करोड़ रुपये का ऋण माफ कर दिया जाता है तो शेष 81,995 करोड़ रुपये की राशि जो विभिन्न श्रेणियों के किसानों ने विभिन्न बैंकों से ऋण ले रखा है उनके ऋण को माफ करने की सरकार की क्या मंशा है?