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वसुंधरा सरकार पर कथित तौर पर राशन कार्ड से 90 लाख लोगों के नाम हटाने का आरोप, कांग्रेस ने उठाए सवाल

इस पूरे मामले को लेकर प्रदेश में सियासत गरमा रही है. रमेश मीणा ने कहा कि कांग्रेस ने इस मामले को लेकर विपक्ष में रहते हुए सदन में भी आवाज उठाई थी.

Updated on: 05 Jan 2019, 01:22 PM

जयपुर:

कांग्रेस सरकार को सत्ता संभाले अधिक समय नहीं हुआ है, मगर सरकार के फैसलों में लोकसभा चुनावों को ध्यान रखने की कवायद साफ झलक रही है. गहलोत सरकार राजस्थान में 2 साल पहले कथित तौर पर राशन कार्ड से 90 लाख लोगों को हटाए जाने के मामले में बड़ा फैसला करने की तैयारी में है. प्रदेश के खाद्य मंत्री रमेश मीणा का कहना है कि बीजेपी सरकार द्वारा पात्रता प्राप्त 90 लाख लोगों को इस स्कीम से हटाया जाना एक बहुत बड़े घोटाले की तरफ इशारा करता है. सरकार का कहना है कि एक बार फिर इस मामले की समीक्षा कर हटाए गए नामों को दोबारा जोड़ा जा सकता है.

इस पूरे मामले को लेकर प्रदेश में सियासत गरमा रही है. रमेश मीणा ने कहा कि कांग्रेस ने इस मामले को लेकर विपक्ष में रहते हुए सदन में भी आवाज उठाई थी. रमेश मीणा ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता प्रदेश के पात्र लोगों को फिर से राशन कार्ड से जोड़ने की है. इसके साथ ही रमेश मीणा ने कहा कि प्रदेश के लोगों को शुद्ध वस्तुएं खिलाने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाएगा, ताकि किसी भी व्यक्ति को अशुद्ध और गलत चीज न खाएं.

दरअसल राजस्थान में 3 करोड़ 60 लोग राशन कार्ड से सस्ता अनाज प्राप्त करने के हकदार हैं, लेकिन सरकारी सिस्टम की नाकामी के चलते साढे चार करोड़ लोगों को इससे जोड़ दिया गया था. बाद में उनमें से केवल ढाई लाख लोगों ने ही पात्रता की शर्तें पूरी करते हुए फिर से इस स्कीम में जुड़ने के लिए आवेदन किया था.

पिछली सरकार ने बॉयोमेट्रिक पीडीएस सिस्टम शुरू कर इसमें से 90 लाख लोगों को हटा दिया था. इस मामले को लेकर 2 साल पहले विधानसभा में जबरदस्त हंगामा भी हुआ था. विपक्ष में रहते हुए रमेश मीणा ने इस मामले को पूरी गंभीरता से उठाया था.

दूसरी ओर भाजपा ने कांग्रेस सरकार के फैसलों पर सवाल उठाए हैं. पूर्व कैबिनेट मंत्री कालीचरण सराफ ने कहा, 'अभी तो कांग्रेस सरकार सत्ता में आई है. जनहित के कार्यों पर फोकस नहीं है, जो वादे कांग्रेस ने जनता से किए उन पर कोई काम नहीं हुआ है.' एक बार फिर इस मुद्दे पर भाजपा-कांग्रेस आमने सामने हैं.