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अमृतसर हादसा : 300 पन्‍नों की जांच रिपोर्ट में नवजोत सिंह सिद्धू और नवजोत कौर को क्‍लीन चिट!

रिपोर्ट 21 नवंबर को पंजाब सरकार को सौंपी गई थी. जालंधर के डिविजनल कमिश्नर बी पुरुषार्थ ने ये जांच पूरी करके अपनी रिपोर्ट पंजाब सरकार को सौंपी थी और अब इस रिपोर्ट पर आगे क्या एक्शन लिया जाएगा, ये खुद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह तय करेंगे.

Updated on: 06 Dec 2018, 12:23 PM

चंडीगढ़:

दशहरे के दिन अमृतसर में हुए रेल हादसे की 300 पन्नों की जांच रिपोर्ट में नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू को क्‍लीन चिट मिल गई है. ऐसा सूत्र बता रहे हैं. रिपोर्ट 21 नवंबर को पंजाब सरकार को सौंपी गई थी. जालंधर के डिविजनल कमिश्नर बी पुरुषार्थ ने ये जांच पूरी करके अपनी रिपोर्ट पंजाब सरकार को सौंपी थी और अब इस रिपोर्ट पर आगे क्या एक्शन लिया जाएगा, ये खुद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह तय करेंगे. इस रिपोर्ट की खास बातें ये है कि नवजोत सिंह सिद्धू के बारे में इस रिपोर्ट में लिखा गया है कि वो घटना के दिन अमृतसर में मौजूद ही नहीं थे.

नवजोत कौर सिद्धू के बारे में लिखा गया है कि वो इस कार्यक्रम की चीफ गेस्ट थीं, लेकिन चीफ गेस्ट किसी भी वेन्यू पर जा कर ये चेक नहीं करता कि वहां किस तरह के इंतजाम है, ये आयोजकों को ही सुनिश्चित करना होता है.

इस रिपोर्ट में नवजोत सिंह सिद्धू के करीबी और लोकल कांग्रेस पार्षद के बेटे सौरभ मिट्ठू मदान की भी गलती बताई गई है कि उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए ना तो सही तरीके से तमाम विभागों से परमिशन ली और ना ही लोगों की सिक्योरिटी और सेफ्टी के लिए जरूरी कदम उठाए. रिपोर्ट में लिखा गया है कि आयोजकों ने जान-बूझकर इस दशहरे के कार्यक्रम को काफी देरी से शुरू किया और आयोजकों ने सिद्धू दंपति के नाम का फायदा उठाकर जरूरी विभागों से ना तो सही से परमिशन ली आयोजन की कई खामियों के साथ समझौता भी किया. इस रिपोर्ट में स्थानीय प्रशासन की भी गलती बताई गई है कि स्थानीय प्रशासन ने परमिशन देने से पहले आयोजन स्थल पर सही इंतजाम है या नहीं इस बात को चेक नहीं किया.

साथ ही स्थानीय नगर निगम और लोकल पुलिस ने भी उस वेन्यू पर हो रहे कार्यक्रम की तैयारियों को चेक नहीं किया और जब कार्यक्रम चल रहा था तब भी किसी पुलिस या नगर निगम कर्मचारी ने रेलवे ट्रैक पर खड़े लोगों को लेकर आपत्ति नहीं जताई. साथ ही इस रिपोर्ट में रेलवे ट्रैक के गेटमैन की भी गलती बताई गई है कि उसने भीड़ होने के बावजूद ट्रेन को धीमी गति से निकालने के लिए या रोकने के लिए सिग्नल नहीं दिया.

इस रिपोर्ट में भविष्य में ऐसी घटना हो इसको लेकर कई तरह के गाइडलाइन बनाने का सुझाव भी दिया गया है. यह रिपोर्ट 21 नवंबर को पंजाब के होम सेक्रेट्री एन एस कलसी के पास सबमिट की गई थी और बुधवार को आगे का एक्शन लेने के लिए इस रिपोर्ट को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के ऑफिस में भेजा गया है.