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मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का निर्णय, पंजाब में 450 शराब की दुकानें होंगी बंद

पंजाब विधानसभा चुनाव में राज्य नशाबंदी एर मुख्य विषय था। इस के मद्देनजर राज्य की नई चुनी हुई सरकार कांग्रेस ने शराब की खपत में कमी लाने के अपने चुनावी वादे को पूरा करने की दिशा कदम उठाया है।

Updated on: 19 Mar 2017, 10:39 AM

नई दिल्ली:

पंजाब विधानसभा चुनाव में राज्य नशाबंदी मुख्य विषय था। इस के मद्देनजर राज्य की नई चुनी हुई कांग्रेस सरकार  ने शराब की खपत में कमी लाने के अपने चुनावी वादे को पूरा करने की दिशा कदम उठाया है।

अमरिंदर सिंह सरकार ने राज्य में 450 से ज्यादा शराब की दुकानों को बंद करने का निर्णय लिया है। सरकार ने शनिवार को 2017-18 के लिए अपनी नई आबकारी नीति पेश की है जिसमें शराब कोटा में कमी लाने और राष्ट्रीय तथा राज्य राजमार्ग के 500 मीटर के दायरे में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की बात शामिल है।

आपको बता दे कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में कहा था कि वह पंजाब में शराब की खपत में कमी लाएगी और पांच साल में इसकी बिक्री में कमी लायी जाएगी। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा है कि राज्य में शराब की 6,384 दुकानें हैं और इनकी संख्या कम करके 5900 पर लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में नव निर्वाचित पंजाब सरकार की पहली मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

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सरकार ने एल-1 श्रेणी के लिए 'विवादित' थोक बिक्री लाइसेंस भी खत्म कर दिया है। शिअद-भाजपा गठबंधन राज्य में शराब की बिक्री पर एकाधिकार के लिए यह लाइसेंस शुरू किया गया।

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