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जब 'बल्लेबाज' नेहरा ने जिताया था मैच, जानिए 'नेहराजी' से जुड़े दिलचस्प तथ्य

नेहरा बेशक अपने आखिरी टी-20 में कोई विकेट नहीं ले सके लेकिन उनकी गिनती हमेशा भारत के बेहतरीन गेंदबाजों में होती रहेगी। जानिए, उनसे जड़े दिलचस्प तथ्य...

News Nation Bureau | Updated : 02 November 2017, 10:03:09 AM
आशीष नेहरा को विदाई (फोटो- पीटीआई)

आशीष नेहरा को विदाई (फोटो- पीटीआई)

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न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टी20 के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह चुके आशीष नेहरा ने अपने 18 साल लंबे करियर को विराम दे दिया। नेहरा बेशक अपने आखिरी टी-20 में कोई विकेट नहीं ले सके लेकिन उनकी गिनती हमेशा भारत के बेहतरीन गेंदबाजों में होती रहेगी। जानिए, उनसे जड़े दिलचस्प तथ्य...
आशीष नेहरा (फोटो- पीटीआई)

आशीष नेहरा (फोटो- पीटीआई)

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वर्ल्ड कप के सबसे बेस्ट भारतीय गेंदबाज: नेहरा को 2003 वर्ल्ड में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए मैच में छह विकेट लेने के लिए जाना जाता है। इस मैच में उन्होंने इंग्लैंड की कमर तोड़ दी थी और भारत को जीत दिलाई थी। वर्ल्ड कप के इतिहास में यह किसी भी भारतीय गेंदबाज का बेस्ट परफॉरमेंस है। वनडे में भी तीसरे बेस्ट भारतीय गेंदबाज हैं। उनसे आगे स्टुअर्ट बिन्नी (2014 में बांग्लादेश के खिलाफ 6 रन देकर 4 विकेट) और अनिल कुंबले (वेस्टइंडीज के खिलाफ 1993 में 12 रन देकर 6 विकेट) हैं।
फिरोजशाह कोटला में नेहरी की विदाई (फोटो- पीटीआई)

फिरोजशाह कोटला में नेहरी की विदाई (फोटो- पीटीआई)

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वनडे में दो बार छह विकेट लेने वाले एकमात्र बॉलर: वनडे क्रिकेट में छह विकेट लेना बहुत आसान नहीं होता लेकिन नेहरा ने अपने करियर में ऐसा दो बार किया है। इंग्लैंड के खिलाफ वर्ल्ड कप के बाद उन्होंने 2005 में कोलंबो में श्रीलंका के खिलाफ भी ऐसा ही कमाल किया था। तब नेहरा ने 59 रन देकर 6 विकेट चटकाए थे।
फिरोजशाह कोटला में नेहरी की विदाई (फोटो- पीटीआई)

फिरोजशाह कोटला में नेहरी की विदाई (फोटो- पीटीआई)

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जब 'बल्लेबाज' नेहरा ने जीताया मैच: नेहरा कभी भी बल्लेबाजी के लिए नहीं जाने गए। अपने करियर के शुरुआती दिनों में तो उनके क्रीज पर आते ही लगता था कि वह न जाने कब आउट हो जाए। हालांकि, फिर भी एक कमाल वह कर चुके हैं। 2002-02 के न्यूजीलैंड दौरे पर टीम इंडिया दोनों टेस्ट हार चुकी थी। वनडे सीरीज में भी यही हाल था। हम चार मैच हार चुके थे। हालांकि, ऑकलैंड में खेले गए छठे वनडे में नेहरा क्रीज पर थे और भारत के लिए विजयी रन मारा था। भारतीय फैंस के लिए यह किसी आश्चर्य से कम नहीं था।
फिरोजशाह कोटला में नेहरी की विदाई (फोटो- पीटीआई)

फिरोजशाह कोटला में नेहरी की विदाई (फोटो- पीटीआई)

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1999 में इंटरनेशनल डेब्यू: आशीष नेहरा ने 1999 में एशियाई टेस्ट चैम्पियनशिप में श्रीलंका के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा। उस दौरे के बहुत कम खिलाड़ी ही अब तक एक्टिव हैं। वीरेंद्र सहवाग ने भी 1999 में इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा।
फिरोजशाह कोटला में नेहरी की विदाई (फोटो- पीटीआई)

फिरोजशाह कोटला में नेहरी की विदाई (फोटो- पीटीआई)

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सहवाग ने नाम दिया 'नेहराजी': सहवाग ने हाल में एक ट्वीट में नेहरा को 'नेहराजी' कहा था। इसके बाद ही यह नाम इतना प्रचलित हुआ। वैसे दोनों खिलाड़ियों की दोस्ती के भी खूब चर्चे होते रहे हैं। कभी दोनों ही एक स्कूटर पर मैच खेलने जाया करते थे। नेहरा भी कह चुके हैं- 'वीरू तो यारों का यार है।'
फिरोजशाह कोटला में नेहरी की विदाई (फोटो- पीटीआई)

फिरोजशाह कोटला में नेहरी की विदाई (फोटो- पीटीआई)

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आईपीएल में पांच टीमों की ओर खेले नेहरा: नेहरा आईपीएल में पांच टीमों के लिए खेल चुके हैं। पहले सीजन में मुंबई इंडियंस के लिए खेलने के बाद वह अगले दो सीजन के लिए दिल्ली डेयरडेविल्स से जुड़े। इसके बाद 2011 और 2012 में वह पुणे वॉरियर्स के साथ रहे और फिर वापस दिल्ली से जुड़ गए। 2014 में वह चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए खेले। साल 2016 से वह सनराइजर्स हैदराबाद के साथ हैं।
फिरोजशाह कोटला में नेहरी की विदाई (फोटो- पीटीआई)

फिरोजशाह कोटला में नेहरी की विदाई (फोटो- पीटीआई)

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व्हाट्सएप और ट्विटर से दूर हैं नेहरा: यह जानकर शायद आपको हैरानी हो लेकिन नेहरा तकनीक और गैजेट्स से दूर ही रहते हैं। वह फेसबुक, ट्विटर या फिर इंस्टाग्राम पर नहीं है। पिछले ही साल उन्होंने पत्रकारों से एक सवाल के जवाब में कहा था कि वह अब भी पुराना नोकिया फोन इस्तेमाल करते हैं। बाद में उन्होंने बताया कि वह व्हाट्सएप के बारे में सीख रहे हैं। बहरहाल, संभव है कि अब नेहरा स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने लगे हों।
फिरोजशाह कोटला में नेहरी की विदाई (फोटो- पीटीआई)

फिरोजशाह कोटला में नेहरी की विदाई (फोटो- पीटीआई)

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चोट से प्रभावित रहा करियर: नेहरा का करियर चोटों से काफी प्रभावित रहा है। उन्होंने अपने करियर में कुल 12 सर्जरी कराई हैं। नेहरा ने कई बार टीम से बाहर जाने के बाद वापसी की है। 2016 में उनके द्वारा की गई वापसी के बाद से उन्होंने खेल के छोटे प्रारुप में टीम को काफी कुछ दिया। चोटों से वापसी करते हुए ही उन्होंने 2011 विश्व कप टीम में जगह बनाई थी और टीम को विजेता बनाने में रोल निभाया था। वह पिछले साल टी-20 विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा थे।