मां शैलपुत्री को प्रसन्न करने के लिए उन्हें कुट्टू यानी शैलअन्न का भोग लगाया जाता है. शंकरजी की पत्नी एवं नव दुर्गाओं में प्रथम शैलपुत्री दुर्गा का महत्व और शक्तियां अनंत है. अगर आप बीमारी से परेशान हैं तो इस दिन मां को घी का भोग लगाएं. आपके सारे दुःख ख़त्म होते हैं.
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को दूध और दही का भोग लगाया जाता है. ब्रह्मचारिणी रूप की आराधना से उम्र लम्बी होती है. इसके लिए मां को शक़्कर, सफेद मिठाई एवं मिश्री का भी भोग लगाया जा सकता है.
चंद्रघंटा पर रामदाना का भोग लगाया जाता है. मां के इस रूप को दूध, मेवायुक्त खीर या फिर दूध से बनी मिठाईयों का भी भोग लगाकर मां की कृपा पा सकते हैं. इससे भक्तों को समस्त दुखों से मुक्ति मिलती हैं।
इन्हें पेठे का भोग लगाया जाता है. वहीं मालपुआ से मां कुष्मांडा बेहद प्रसन्न होती हैं. मां के कुष्मांडा के इस रूप की कृपा से निर्णंय लेने की क्षमता में वृद्धि एवं मानसिक शक्ति अच्छी रहती हैं।
मां स्कन्दमाता को वैसे तो जौ-बाजरे का भोग लगाया जाता है, लेकिन शारीरिक कष्टों के निवारण के लिए माता का भोग केले का लगाएं.
मां कात्यायनी को लौकी का भोग लगाएं. वैसे देवी को प्रसन्न करने के लिए शहद और मीठे पान का भी भोग लगाया जाता है.
मां कालरात्रि को काली मिर्च, कृष्णा तुलसी या काले चने का भोग लगाया जाता है. वैसे नकारात्मक शक्तियों से बचने के लिए आप गुड़ का भोग लगा सकते हैं. इसके आलावा नींबू काटकर भी मां को अर्पित कर सकते हैं.
मां महागौरी को साबूदाना अर्पित किया जाता है. ये अन्न-धन को देने वाली हैं। वैसे इन्हें नारियल भी पसंद है। संतान सुख की प्राप्ति के लिए आप इन्हें नारियल का भोग लगाएं.
मां सिद्धिदात्री को आंवले का भोग लगाया जाता है. कोई भी अनहोनी से बचने के लिए इस दिन मां के भोग में अनार को शामिल किया जाता हैं.