दूसरा सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण आज, जाने इससे जुड़े मिथक
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News Nation Bureau | Updated : 21 August 2017, 09:17:06 AM
सूर्य ग्रहण 2017: भारत में नहीं दिखेगा 21 अगस्त का ग्रहण
साल 2017 का दूसरा सूर्यग्रहण आज दिखाई देगा। भारतीय समय के मुताबिक यह ग्रहण रात में 9.15 मिनट से शुरु होगा और रात में 2.34 मिनट पर खत्म होगा।
भारत में इस दौरान रात रहेगी तो यहां पर कहीं भी सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा। हालांकि बताया जा रहा है कि यह सूर्यग्रहण साल 2017 का दूसरा बड़ा ग्रहण है।
यह ग्रहण यूरोप, उत्तर/पूर्व एशिया, उत्तर/पश्चिम अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका में पश्चिम, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, आर्कटिक की ज्यादातर हिस्सों में दिखेगा।
सूर्यग्रहण
आइये जानिये सूर्यग्रहण के दौरान क्या करें और क्या क्या नहीं करें।
गर्भवती स्त्री
1. मिथक है कि गर्भवती स्त्री को सूर्यग्रहण या चंद्रग्रहण नहीं देखना चाहिए। क्योंकि माना जाता है कि उसके प्रभाव से बच्चे को नुक्सान पहुंच सकता है।
सूर्यग्रहण
2. सूर्यग्रहण या चंद्रग्रहण के दौरान किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत को बिल्कुल मना किया जाता है। मान्यता है कि इस दौरान शुरु किया गया काम अच्छा परिणाम नहीं देता है।
पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान करें
3. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्यग्रहण के बाद पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान कर देवी-देवताओं की आराधना करनी चाहिए।
बूढ़े, बच्चे
4. हिन्दू मान्यता के अनुसार, सूर्यग्रहण में ग्रहण शुरु होने से चार प्रहर पूर्व भोजन नहीं करना चाहिये। बूढ़े, बच्चे और रोगी एक प्रहर पूर्व तक खा सकते हैं।
बाल न धोएं
5. यह मान्यता भी प्रचलित है कि सूर्यग्रहण के समय बाल और वस्त्र नहीं निचोड़ने चाहिए और दांत भी नहीं साफ करने चाहिए।
दान करें
6. स्नान के बाद गरीबों और ब्राह्मणों को दान देने की परंपरा है। मान्यता है कि इससे ग्रहण के प्रभाव में कमी आती है।
फूल आदि नहीं तोड़े
7. यह भी माना जाता है कि ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी, फूल आदि नहीं तोड़ना चाहिए।
तुलसी
8. ग्रहण-वेध के पहले जिन पदार्थों में कुश या तुलसी की पत्तियाँ डाल दी जाती हैं, वे पदार्थ दूषित नहीं होते। पके हुए अन्न का त्याग करके उसे गाय, कुत्ते को डालकर नया भोजन बनाना चाहिए।
सूर्यग्रहण के दौरान सावधानी बरतें
दूसरी ओर वैज्ञानिक स्वास्थ्य की दृष्टि से मानते है कि सूर्य ग्रहण को नंगी आँखों से नहीं देखना चाहिए। बल्कि इसको देखने के लिए वैज्ञानिक प्रमाणित टेलिस्टकोप का ही इस्तेमाल करना चाहिए।