स्मॉग से दिल्ली बना 'गैस चैंबर', सांस लेने में तकलीफ
Pollution Smog turns Delhi into gas chamber parking fees hiked School Closed
News Nation Bureau | Updated : 07 November 2017, 10:27:04 PM
पीले धुंध की मोटी चादर से ढंका एनसीआर (फोटो-PTI)
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में मंगलवार को लोगों को हवा की बेहद खराब गुणवत्ता और धुंध की स्थिति का सामना करना पड़ा, जो पूरे साल भर के वायु प्रदूषण की सबसे गंभीर स्थिति है। सुबह से आसमान में पीले धुंध की चादर छाई रही, जो दिवाली के एक दिन बाद होने वाली स्थिति से भी अधिक गंभीर थी। प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। 21 सक्रिय प्रदूषण निगरानी केंद्रों में से 18 ने वायु गुणवत्ता की स्थिति को 'गंभीर' बताया है।
पीले धुंध की मोटी चादर से ढंका एनसीआर (फोटो-PTI)
लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है और आंखों में जलन महसूस की जा रही है। उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को कहा कि बुधवार को दिल्ली के सभी प्राथमिक विद्यालय (कक्षा 5 तक) बंद रहेंगे। सिसोदिया ने कहा, इसके अलावा सुबह और दोपहर की होने वाली सभा सहित विद्यालयों में सभी बाहरी गतिविधियों को स्थगित कर दिया गया है।
मास्क में मॉर्निंग वॉक करता एक शख्स (फोटो-PTI)
राष्ट्रीय राजधानी में बदतर होती वायु की गुणवत्ता पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन ने मंगलवार को दिल्ली में वाहन पार्किंग शुल्क चार गुना बढ़ा दिया। सरकार ने स्मॉग से बचने के लिए मास्क लगाने की सलाह दी है। वहीं सुरक्षा में तैनात जवानों को मास्क मुहैया कराया जा रहा है।
पयाली जलने से बढ़ा प्रदूषण (फोटो-PTI)
मौसम विश्लेषकों के अनुसार, पड़ोसी राज्यों में संयुक्त मौसम संबंधी कारकों और पयाली जलने से हुए प्रदूषण के कारण दिल्ली सबसे खराब 'धुंध की स्थिति' का सामना कर रही है।
पयाली जलने से बढ़ा प्रदूषण (फोटो-PTI)
निजी मौसम अनुमान एजेंसी स्काइमेट के निदेशक महेश पलावत ने बताया, 'वर्तमान में राजस्थान और हरियाणा से पश्चिमी हवाओं की गति नगण्य है, जिसके कारण हवा स्थानीय उत्सर्जन और पयाली जलाने से तैयार होने वाले प्रदूषक तत्व के साथ मिलकर सतह के निकट संघनित हो रही है। कुछ दिनों में हालांकि स्थिति सामान्य हो जाएगी।'
पीले धुंध की मोटी चादर से ढंका एनसीआर (फोटो-PTI)
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्वूआई) अपराह्न् तीन बजे 446 थी। प्रमुख प्रदूषक कणिका तत्व (पीएम) 2.5 या व्यास के साथ कणों का आकार 2.58 मीटर से कम 418 इकाइयों में दर्ज किया गया, जो दिवाली के एक दिन बाद होने वाली स्थिति से भी बदतर है। 20 अक्टूबर, 2017 को एक्वूआई 403 में दर्ज किया गया था, जबकि मंगलवार को दर्ज सूचकांक दिवाली 2016 (31 अक्टूबर) के एक दिन बाद दर्ज किए गए सूचकांक 443 के आसपास है।
दिल्ली एनसीआर में बढ़ा प्रदूषण (फोटो-PTI)
दिल्ली-एनसीआर में मिलाकर औसतन एक्वूआई 412 दर्ज किया गया, जिसे गंभीर करार दिया गया है। वहीं, सीपीसीबी द्वारा एक बजे पर रिपोर्ट की गई पीएम 2.5 का घनत्व 400 यूनिट था। दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न स्थानों पर पीएम 2.5 आंकड़ा स्वीकार्य सीमा से 23 से 19 गुना अधिक पाया गया।