PHOTOS: मोदी-मनमोहन ने संसद हमले के शहीदों को दी श्रद्धांजलि
PM Modi Manmohan Singh pay tribute to 2001 Parliament attack martyrs
News Nation Bureau | Updated : 13 December 2017, 03:14:41 PM
फोटो-PTI
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ बैठक को लेकर तीखे शब्दों की तकरार के बाद बुधवार को एक कार्यक्रम में एक दूसरे का अभिवादन किया और हाथ मिलाया। मोदी और मनमोहन 2001 में संसद पर हुए हमले में मारे गए शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। इस मौके पर कांग्रेस के नव निर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी व सोनिया गांधी भी मौजूद रहे। राहुल और सोनिया ने भी मोदी से मुलाकात की और उनका अभिवादन किया। संसद भवन में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान अन्य बीजेपी नेता भी मौजूद रहे।
रविशंकर प्रसाद से मिले राहुल (फोटो-ANI)
राहुल गांधी मुस्कुराते हुए आगे बढ़े और केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद व सुषमा स्वराज से मिले। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन व गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी उपस्थित रहे।
संसद हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि (फोटो-PTI)
कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, 'हम 13 दिसंबर 2001 को लोकतंत्र के मंदिर की रक्षा के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वालों को श्रद्धांजलि देते हैं। उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जाएगा।'
संसद हमले के शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि (फोटो-PTI)
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी 16 साल पहले इसी दिन आतंकवादियों से संसद की रक्षा करते हुए शहीद हुए लोगों को याद किया। कोविंद ने ट्वीट किया, 'घृणा व आतंक की ताकतों ने उसे निशाना बनाया जो हमें सबसे अधिक प्रिय है - भारत का लोकतंत्र व लोकतांत्रिक मूल्य। इसमें वे सफल नहीं हुए और हम उन्हें कभी सफल होने भी नहीं देंगे।'
संसद हमले के शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि (फोटो-ANI)
हथियारों से लैस पांच बंदूकधारियों ने 13 दिसंबर 2001 को संसद परिसर में अंधाधुंध गोलीबारी की थी। इस हमले में नौ लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। इस हमले में पांच दिल्ली पुलिस के कर्मी, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक महिला अधिकारी, संसद के दो कर्मचारी व एक माली शहीद हो गए थे। इसमें एक पत्रकार भी घायल हुआ था जिसकी बाद में मौत हो गई थी। सभी पांचों आतंकवादियों को भी मार गिराया गया था। साल भर बाद अफजल गुरु सहित चार आरोपियों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। इन पर मुकदमा चलाने के बाद इन्हें दोषी पाया गया था। अफजल गुरु को 9 फरवरी 2013 को फांसी दे दी गई थी।