आजादी के 70 साल: इन वीरांगनाओं ने जान पर खेलकर रखी आजादी की नींव
Know these freedom women fighters on 71st indian independence day
News Nation Bureau | Updated : 15 August 2017, 01:35:36 AM
सरोजनी नायडू
इनका जन्म 1879 में हुआ था। सबसे पहले इन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। ये इस आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी के साथ जेल भी भेजी गई थीं। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन भी अहम भूमिका निभाते हुए इन्हें गिरफ्तार किया गया था। ये आजाद भारत की उत्तर प्रदेश की पहली महिला गवर्नर भी बनीं। ऑफिस में काम करते हुए ही इन्होंने 1942 आखिरी सांस ली।
अरुणा आसफ अली
इन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में अपनी अहम भूमिका निभाई थी। मुंबई के गोवालिया टैंक मैदान में इन्होंने इंडियन नेशनल कांग्रेस का झंडा फहराया था। 1958 में दिल्ली की पहली मेयर चुनी गई थीं।
एनी बेसेंट
इनका जन्म 1887 में हुआ था। 1898 में सेंट्रल हिंदू कॉलेज की स्थापना में अहम भूमिका निभाई। 1916 में इन्होंने लोकमान्य तिलक के साथ होम रूल लीग की शुरुआत की थी। बाद में 1917 में इंडियन नेशनल कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष बनाया गया था।
रानी लक्ष्मीबाई
(1828 - 1858)
बचपन में इनका नाम मणिकर्णिका था, बाद में लक्ष्मी बाई बनीं देवी लक्ष्मी के सम्मान में इन्होंने अपना नाम लक्ष्मी बाई रखा
14 साल की उम्र में इनका विवाह झांसी के राजा गंगाधर राव के साथ हुआ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में प्रमुख उपलब्धियां ब्रिटिश सरकार के कानून को पालन करने से इंकार कर दिया मौत से पहले तक इन्होंने अंग्रेज के साथ वीरता से लड़ा
22 साल की उम्र में ब्रिटिश सेना से लोहा लेते हुए शहीद हो गईं