आठ के ठाठ पर होगी बीजेपी या चौधरी वापस पाएंगे अपनी खोई जमीन, जानें पूरा समीकरण
देशभर में सात फेज में ये मुकाबले होंगे और पहला फेज चंद घंटों बाद यानी 11 अप्रैल को शुरू हो रहा है. पहले फेज में वैसे तो 20 राज्यों की 91 सीटों पर महामुकाबले देखने को मिलेंगे. जहां तक बात उत्तर प्रदेश की है तो यहां 80 लोकसभा सीटों में महज 8 सीटों पर पहले चरण में वोट डाले जाएंगे. उत्तर प्रदेश में पहले चरण में करीब डेढ़ करोड़ मतदाता वोट डालेंगे.
News Nation Bureau | Updated : 10 April 2019, 04:41:23 PM
नोएडा लोकसभा सीट
नोएडा लोकसभा सीट से बसपा ने यहां से सतवीर नागर को मैदान में उतारा है. बीजेपी की ओर से इस बार डॉ महेश शर्मा ताल ठोक रहे हैं. कांग्रेस ने गौतमबुद्धनगर सीट से डॉ. अरविंद सिंह चौहान को टिकट दिया है.
2014 का चुनाव परिणाम
पिछले चुनाव में महेश शर्मा में जीत हासिल की थी. यह गुजर और राजपूत बहुल सीट है. यहां 13 उम्मीदवार मैदान में हैं.
गाजियाबाद का रण
गाजियाबाद से कांग्रेस ने डॉली शर्मा को उम्मीदवार बनाया है. सपा-बसपा गठबंधन के बाद सपा ने सुरेश बंसल को गाजियाबाद सीट से टिकट दिया है। बीजेपी ओर से जनरल वीके सिंह एक बार फिर सियासी पिच पर बैटिंग करने को तैयार हैं.
पिछले लोकसभा चुनाव में जनरल वीके सिंह ने कांग्रेस के राजबब्बर को करीब पांच लाख मतों से मात देकर सांसद बने थे
पिछले लोकसभा चुनाव में जनरल वीके सिंह ने कांग्रेस के राजबब्बर को करीब पांच लाख मतों से मात देकर सांसद बने थे.जातीय समीकरण के लिहाज से बीजेपी और सपा दोनों के लिए ये सीट काफी चुनौती भरी है. इस बार यहां 11 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
Indian political league of muzaffarnagar
आरएलडी प्रमुख चौधरी अजित सिंह इस सीट से चुनावी मैदान में उतर रहे हैं. बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद संजीव बालियान को एक बार फिर उतारी है.
बीजेपी के संजीव बालियान ने कादिर राणा को हराया था.
यहां करीब साढ़े 5 लाख मुस्लिम, ढाई लाख दलित, और सवा दो लाख के करीब जाट मतदाता हैं. इसके अलावा सैनी और कश्यप वोट भी करीब दो लाख के करीब हैं. यह सीट चौधरी परिवार की राजनीति का भविष्य तय करेगी.
जाटों के गढ़ बागपत में कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है.
जाटों के गढ़ बागपत से इस बार अजित सिंह के बेटे जयंत चौधरी बागपत सीट से उतर रहे हैं. पिछले चुनाव में 2 लाख से जीत दर्ज करने वाले बीजेपी के सत्यपाल सिंह की राह इस बार आसान नहीं नजर आ रही है.
2014 के चुनाव में हारे थे अजित सिंह
पिछले चुनाव में 2 लाख से जीत दर्ज करने वाले बीजेपी के सत्यपाल सिंह की राह इस बार आसान नहीं नजर आ रही है. पिछले पांच साल से जयंत चौधरी क्षेत्र में हैं. वह लगातार युवाओं मैं अपनी पैठ बना रहे हैं.
बिजनौर का रण
इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है और यहां से कुंवर भारतेंद्र सिंह सांसद हैं. कांग्रेस ने बिजनौर से नसीमुद्दीन सिद्दीकी को टिकट दिया है. बीजेपी ने भारतेंद्र सिंह को एक बार फिर उतारा है. बसपा ने यहां से मलूक नागर को टिकट दिया है.
सहारनपुर का रण
सहरानपुर सीट से बीएसपी की हाथी पर हाजी फजलुर्रहमान सवार हैं, जबिक कांग्रेस ने इमरान मसूद पर को मैदान में उतारा है. बीजेपी ने मौजूदा सांसद राघव लखनपाल पर एक बार फिर भरोसा जताया है.
मेरठ की क्रांतिधारा
पश्चिम यूपी की मेरठ लोकसभा सीट से बसपा ने हाजी याकूब कुरैशी को मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने मेरठ से हरेंद्र अग्रवाल को टिकट दिया है. बीजेपी ने दो बार के सांसद राजेंद्र अग्रवाल पर एक बार फिर भरोसा जतया है.
पिछला परिणाम
बीजेपी ने दो बार के सांसद राजेंद्र अग्रवाल पर एक बार फिर भरोसा जतया है. हालांकि ये सीट मुस्लिम और दलित बहुल मानी जाती है. मेरठ में 11 उम्मीदवार ताल ठोक रहे हैं.