श्रीनगर से कोलकाता और भोपाल तक बकरीद की धूम, जानिए क्यों मनाते हैं ये त्योहार
देश भर में आज बकरीद की धूम है। त्याग और बलिदान का यह त्योहार मुस्लिम समाज के लिए बेहद खास है। कुर्बानी पर बहस भी हर साल होती रही है।
News Nation Bureau | Updated : 02 September 2017, 03:22:47 AM
राजस्थान के अजमेर में एक बकरे के साथ सेल्फी लेती बच्ची
देश भर में आज बकरीद की धूम है। त्याग और बलिदान का यह त्योहार मुस्लिम समाज के लिए बेहद खास है। इस दिन बकरे की बलि देते हुए यह संदेश दिया जाता है कि हर किसी को बलिदान के लिए तैयार रहना चाहिए।
श्रीनगर में एक बकरे को बेचने से पहले वजन करता दुकानदार
बकरीद को ईद-उल-अजहा भी कहा जाता है। इस्लामिक मान्यता के मुताबिक, दुनिया में एक लाख 24 हजार नबी आए। हजरत इब्राहीम (अ) इसी में एक थे। एक बार अल्लाह ने हजरत इब्राहीम को ख्वाब में अपनी सबसे प्यारी चीज कुर्बान करने का हुक्म दिया।
बकरीद के मौके पर श्रीनगर में गहने खरीदतीं मुस्लिम महिलाएं
हजरत को अपने बेटे ईस्माइल से बेहद लगाव था। इस बारे में उन्होंने अपने बेटे को बताया। बेटे ने कहा- आप को जो अल्लाह ने हुक्म दिया है, उसको पूरा करिए।
कोलकाता में बकरीद
हजरत ने ऐसा ही किया लेकिन उससे पहले उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली ताकि बेटे से प्रेम उन्हें कहीं रोक न ले। कुर्बानी के बाद जब उन्होंने पट्टी खोली तो देखा बेटा उनके सामने खड़ा था जबकि जिनकी बलि हुई वह दुंबा (जानवर) था। तभी से कुर्बानी की रस्म चल रही है।
बकरीद से एक दिन पहले अहमदाबाद में नमाज
इस दिन कुर्बान जानवर का गोश्त तीन हिस्सों में बांटा जाता है। एक हिस्सा गरीबों के लिए, एक रिश्तेदारों और मिलने-जुलने वालों के लिए जबकि एक खुद के लिए होता है।
बकरीद की धूम
इस बार भी बकरे की खरीदारी जम कर हुई है। लाखों रुपये में बकरे बेचे गए। आलम ये है कि बकरे की मांग को देखते हुए साढ़े सात से 10 लाख तक में बकरे बेचे गए हैं।
बकरीद में कुर्बानी पर भी होती रही है बहस
कुर्बानी पर बहस भी हर साल होती रही है। बकरीद पर कुर्बानी के नाम पर जानवरों की दी जाने वाली बलि का विरोध करते हुए राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) के मुस्लिम विंग ने कहा कि यह तीन तलाक की तरह ही हराम है। वहीं, कुछ दूसरे धड़े इस अलग पक्ष भी रखते हैं।
पिछले साल बकरीद के बाद ढाका से आई तस्वीर
पिछले साल बांग्लादेश की राजधानी ढाका में दी गई कुर्बानी के बाद की तस्वीरें दुनियाभर में सुर्खियों में रही थीं। पिछले साल बकरीद के बाद ढाका में खूब बारिश हुई। आलम ये हुआ कि इससे कुर्बान किए गए पशुओं का खून पानी के साथ मिलकर सड़कों पर आ गया। यही कारण था कि ढाका के कई इलाकों की सड़कों पर पानी खून सा नजर आने लगा। बाद में ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी।