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जन्माष्टमी विशेष: जानें देशभर में कैसे मनाया जाता है भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव

janmashtami celebration different ways In which Indian states celebrate the festival

News Nation Bureau | Updated : 11 August 2017, 01:39:04 PM
भगवान् कृष्ण के जन्मोस्त्सव को लेकर देशभर में तैयारियां शुरू हो चुकी है

भगवान् कृष्ण के जन्मोस्त्सव को लेकर देशभर में तैयारियां शुरू हो चुकी है

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हर साल भगवान कृष्ण के भक्त जन्माष्टमी का बहुत बेसब्री से इंतजार करते हैं।हालांकि जगह-जगह पर इस त्योहार को लोग अपने तरीके से मनाते हैं। कई लोग पूरा दिन व्रत रखते हैं और रात 12 बजे तक जगे रहते हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि रात को 12 बजे भगवान कृष्ण ने जन्म लिया था। आमतौर पर सूर्य छिपने के बाद लोग भगवान कृष्ण का भजन-कीर्तन करते हैं और रात को 12 बजे के बाद ही अपना व्रत खोलते हैं।
भगवान् कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा

भगवान् कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा

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भगवान् कृष्ण की जन्मभूमि कहे जाने वाले मथुरा में लोग दूर दूर से पहुंचते है। वृन्दावन और मथुरा से कृष्णा भगवान् के बचपन की कई कहानियां जुडी हुई हैं। यहां का हरेक एक घर भगवान् का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाता है। उपवास के साथ शुरू होकर भगवान् के जन्म के बाद 56 प्रकार के भोग के साथ पूरा होता है 'नन्दोत्सव'।
भगवान् कृष्ण को द्वारकाधीश के नाम से भी जाना जाता है

भगवान् कृष्ण को द्वारकाधीश के नाम से भी जाना जाता है

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गुजरात के द्वारका में द्वारकाधीश (भगवान् कृष्ण) के जन्मोत्सव पर बच्चे कृष्ण की तरह सजे धजे नजर आते है।चार धामों में से एक प्रसिद्ध द्वारका मंदिर को फूलों से सजाया जाता है।
मुंबई का दही-हांड़ी है प्रसिद्ध

मुंबई का दही-हांड़ी है प्रसिद्ध

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मुंबई में जन्माष्टमी को भव्य रूप में मनाया जाता है, जहां पर मक्खन से भरी मटकी को ऊंचाई पर बांधा जाता है, और लड़कों के ग्रुप द्वारा उन्हें तोड़ने की कोशिश की जाती है। इस महोत्सव को देखने के लिए लोगों की भीड़ वहां पहुंचती है। यहां तक की, कई ग्रुप्स इस मौके पर मटकी फोड़ने का कॉम्पिटीशन करते हैं, जिस दौरान जीतने वाले ग्रुप को प्राइज़ दिया जाता है।
चार धामों में से एक है जगन्नाथ पुरी

चार धामों में से एक है जगन्नाथ पुरी

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पूर्वी भारत के हिस्सों में जन्माष्टमी को अनूठे ढंग से मनाया जाता है। ओडिशा का जगन्नाथ पुरी मंदिर को भव्य तरीके से सजाया जाता है। लोग इस दिन उपवास रखते है और रात को भगवान् के जन्म के बाद ही उपवास खोलते है।
मणिपुरी डांस के द्वारा दिखाई जाती है कृष्ण की रासलीला

मणिपुरी डांस के द्वारा दिखाई जाती है कृष्ण की रासलीला

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मणिपुर में इस उत्सव को कृष्ण जन्म के नाम से जाना जाता है। इम्फाल के दो मंदिरों गोविंदजी और इस्कॉन में कृष्ण भगवान् की रासलीलाओं को प्रसिद्ध मणिपुरी डांस स्टाइल में दर्शाया जाता है।
दक्षिण भारत में रंगोली से सजाते है घरों को

दक्षिण भारत में रंगोली से सजाते है घरों को

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भारत के दक्षिणी भाग में, लोग अपने घरों के प्रवेश द्वार को रंगोली सजाते हैं। इसके साथ ही, घर को अच्छी तरह से साफ कर वहां भगवान कृष्ण की मूर्ति, अगरबत्ती और माला आदि लगाकर सजाते हैं।