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बलदेव सिंह से लेकर मोगैंबो तक का सफर, अमरीश पुरी आज भी दिलों पर करते हैं राज

गुजरे जमाने के मशहूर अभिनेता अमरीश पुरी ने अपनी कड़क आवाज और दमदार अभिनय के बल पर खलनायकी को एक नई पहचान दी। सदी के सबसे महान अभिनेताओं में से एक अमरीश ने जब-जब बड़े पर्दे पर विलेन का किरदार निभाया, तब-तब उन्होंने खुद को नए रंग-ढंग में पेश किया। 22 जून 1932 में जन्में अमरीश का 22 जून को जन्मदिन है। इस मौके पर आइए मिलते हैं, अमरीश पुरी के ऐसे अवतार से, जिनमें उनका लुक, स्टाइल और गेटअप सबसे अलग रहा।

News Nation Bureau | Updated : 22 June 2017, 07:14:11 AM
अमरीश पुरी (फाइल फोटो)

अमरीश पुरी (फाइल फोटो)

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गुजरे जमाने के मशहूर अभिनेता अमरीश पुरी ने अपनी कड़क आवाज और दमदार अभिनय के बल पर खलनायकी को एक नई पहचान दी। सदी के सबसे महान अभिनेताओं में से एक अमरीश ने जब-जब बड़े पर्दे पर विलेन का किरदार निभाया, तब-तब उन्होंने खुद को नए रंग-ढंग में पेश किया। 22 जून 1932 में जन्में अमरीश का 22 जून को जन्मदिन है। इस मौके पर आइए मिलते हैं, अमरीश पुरी के ऐसे अवतार से, जिनमें उनका लुक, स्टाइल और गेटअप सबसे अलग रहा।
निशान के 'भगेल सिंह' (1983)

निशान के 'भगेल सिंह' (1983)

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अमरीश पुरी की एक्टिंग का ना कोई मुकाबला है ना ही उनके अजीबोगरीब गेटअप का। 1983 में रिलीज हुई फिल्म 'निशान' में अमरीश पुरी का अनोखा अंदाज देखने को मिला। जिस दौर में विलेन नाम कमाने के लिए तमाम हथकंडे अपनाते थे, उस दौर में अमरीश पुरी अपने हैरान कर देने वाले गेटअप से ही असर छोड़ जाते थे। उनका ये अंदाज हिंदी सिनेमा के इतिहास के सबसे जुदा स्टाइल में गिना जाता है। सबसे अहम ये है कि उनके स्टाइल और तौर-तरीके अगर फिल्म के हिसाब से अलग होते थे तो वो अपनी एक्टिंग को भी वही अंदाज देते थे। फिल्मी पर्दे पर तमाम अभिनेताओं ने निगेटिव किरदार निभाया है, लेकिन अमरीश पुरी का कोई सानी नहीं है।
हीरो का 'पाशा' (1983)

हीरो का 'पाशा' (1983)

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साल 1983 में ही सुभाष घई ने अमरीश पुरी को फिल्म 'हीरो' में कास्ट किया। 'पाशा' के किरदार में अमरीश पुरी ने कहर ढा दिया। दर्शकों पर उनकी एक्टिंग का गजब का असर रहा। अगर जैकी श्रॉफ फिल्म के बाद सुपरस्टार बन गए तो अमरीश पुरी ने भी अपने अंदाज से नया इतिहास लिख दिया। हिंदी सिनेमा में विलेन के किरदार का नया अंदाज था। चेहरे पर जो हाव-भाव अमरीश पुरी लाए, उसका मुकाबला मुश्किल है। हर किरदार के लिए अमरीश पुरी अपने बालों के साथ प्रयोग करते थे। हीरो में 'पाशा' का किरदार अमरीश पुरी की उसी शिद्दत को पर्दे पर लाता है।
दिलजले का 'दारा' (1996)

दिलजले का 'दारा' (1996)

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हैरी बावेजा ने आतंकवाद पर जब फिल्म बनाने की ठानी तो उन्हें किसी ऐसे शख्स की जरूरत थी, जो ना सिर्फ महज विलेन की भूमिका में सिमटे बल्कि अपनी बात से हीरो का मिज़ाज बदलने की भी ताकत रखता हो। ऐसे में उनकी तलाश अमरीश पुरी के पास जाकर ही पूरी हुई। जाहिर है कि अमरीश पुरी ने फिल्म में दमदार किरदार निभाया। डायलॉग्स के अलावा दर्शकों को उनका लुक बेहद ही पसंद आया था। गजब लुक के साथ-साथ फ़िल्म में उनकी पूरी मौजूदगी असरदार रही। आज भी ये फ़िल्म अमरीश पुरी की शानदार एक्टिंग और लुक के लिए दर्शकों के दिल के करीब है।
हातिम ताई के 'जादूगर' (1990)

हातिम ताई के 'जादूगर' (1990)

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अलग-अलग किस्म के लुक्स के जरिए दर्शकों को प्रभावित करने वाले अमरीश पुरी के हाथों में इस बार एक अलग किस्म की फ़िल्म ही थी। जादूगरी के रोमांच के बीच अमरीश पुरी अपने ख़ास अंदाज में दर्शकों के सामने थे। अरब की मशहूर कहानी को फ़िल्मी पर्दे पर बखूबी लाने के लिए अमरीश पुरी को ढेरों तारीफ मिली थी। इस फ़िल्म में बाकी के कलाकार...जैसे जितेंद्र और संगीत बिजलानी भी खूब जमे थे। इस मूवी में अमरीश ने एक गाने के लिए अपनी आवाज़ भी दी थी।
इंडियाना जोन्स के 'मोला राम' (1984)

इंडियाना जोन्स के 'मोला राम' (1984)

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अमरीश पुरी को अगर भारतीय दर्शक अलग-अलग किरदारों के जरिए जानते हैं तो पश्चिम उन्हें 'मोला राम' के नाम से जानता है। इसकी वजह है साल 1984 में आई फ़िल्म 'इंडियाना जोन्स एंड द टेम्पल्स ऑफ़ डूम'। इस फ़िल्म का निर्देशन ऑस्कर विजेता स्टीवन स्पीलबर्ग ने किया था। दुनिया भर में प्रदर्शित हुई इस फ़िल्म को अमरीश पुरी के अजीबोगरीब लुक की वजह से ज़्यादा सुर्ख़ियां हासिल हुई थी। इसमें अमरीश ने एक डरावने ठग का किरदार निभाया था। उनका ये ख़ास लुक देने के लिए हॉलीवुड के आला मेकअप आर्टिस्ट्स ने काफी माथापच्ची की थी, लेकिन अमरीश के आइडिया के बाद ही ये लुक तैयार हो पाया था।
तहलका के जनरल 'डॉन्ग' (1992)

तहलका के जनरल 'डॉन्ग' (1992)

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तहलका में हीरो की भरमार थी और सबसे सामने इकलौता विलेन था। खतरनाक 'जनरल डॉन्ग'...डॉन्ग्रीला का किंग...ख़तरनाक साजिश रचने वाले इस किरदार के लिए अमरीश पुरी ने एक ऐसा लुक ओढ़ा, जिसकी दूसरी मिसाल नहीं मिलती। उन्होंने देश के दुश्मन वाली भूमिकाएं तो कई निभाई लेकिन इस किरदार का प्रभाव कहीं ज़्यादा रहा। इसकी चर्चा भी खूब हुई।
'मोगैंबो' की ख़ुशी (1987)

'मोगैंबो' की ख़ुशी (1987)

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अगर हिंदी सिनेमा के सबसे मशहूर खलनायकों की लिस्ट तैयार की जाए तो उसमें 'मोगैंबो' को टॉप पर जगह मिलेगी। 'मिस्टर इंडिया' में अमरीश पुरी ने जिस तरीके से विलेन का किरदार निभाया वो शानदार था। ख़ौफ का खतरनाक साम्राज्य कायम करने के लिए अमरीश पुरी ने जो अंदाज अपनाया, वो सबसे अलग था। जब-जब दर्शक दहशत में होते थे, तब-तब सदी के सबसे महान अभिनेताओं में से एक अमरीश पुरी कहते थे...'मोगैंबो ख़ुश हुआ..'। बता दें कि 13 जनवरी 2005 को इस बेहतरीन एक्टर ने दुनिया को अलविदा कह दिया था।