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क्या रघुबर दास जीतकर तोड़ पाएंगे 'मुख्यमंत्री की हार' का मिथक?

झारखंड विधानसभा चुनाव के सभी पांचों चरणों में मतदान संपन्न हो चुका है, अब सबकी नजर 23 दिसंबर को होने वाली मतगणना और आने वाले चुनाव परिणाम पर है.

News Nation Bureau | Updated : 22 December 2019, 11:09:44 AM
मुख्यमंत्री रघुबर दास (फाइल फोटो)

मुख्यमंत्री रघुबर दास (फाइल फोटो)

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झारखंड विधानसभा चुनाव के सभी पांचों चरणों में मतदान संपन्न हो चुका है, अब सबकी नजर 23 दिसंबर को होने वाली मतगणना और आने वाले चुनाव परिणाम पर है. चुनाव परिणाम को लेकर बीजेपी 'अबकी बार 65 पार' के नारे के साथ फिर से सत्ता पर काबिज होने का दावा कर रही है. बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने झारखंड में दोबारा मुख्यमंत्री रघुबर दास पर भरोसा जताया है. इस बार भी बीजेपी की ओर से रघुबर दास ही मुख्यमंत्री का चेहरा हैं. 

रघुबर दास-गौरव वल्लभ और सरयू राय में मुकाबला

रघुबर दास-गौरव वल्लभ और सरयू राय में मुकाबला

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इस चुनाव में मुख्यमंत्री रघुबर दास एक बार फिर जमशेदपुर (पूर्वी) से चुनावी मैदान में हैं. उनके सामने उनके ही मंत्रिमंडल में रहे सरयू राय बतौर निर्दलीय मैदान में उतरे हैं. कांग्रेस ने यहां से गौरव वल्लभ को टिकट दिया है. अब सबकी दिलचस्पी इस बात को लेकर है कि 'झारखंड में मुख्यमंत्री हार जाते हैं' के मिथक को दास तोड़ पाएंगे? वैसे हार-जीत का फैसला 23 दिसंबर को होना है.

5 साल तक एक स्थिर सरकार चलाई

5 साल तक एक स्थिर सरकार चलाई

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वैसे रघुबर दास ही राज्य के ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने 5 साल तक एक स्थिर सरकार चलाई. बिहार से अलग बने झारखंड को 19 साल हो गए हैं, परंतु रघुबर दास ही ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो लगातार 5 साल तक मुख्यमंत्री पद पर काबिज रहे. इस बार के चुनाव में उनकी कुर्सी खतरे में पड़ती दिख रही है.

रघुबर दास की विश्वसनीयता कम हुई

रघुबर दास की विश्वसनीयता कम हुई

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मुख्यमंत्री रघुबर दास की विश्वसनीयता कम हुई है. आदिवासी बहुल राज्य में एक गैर-आदिवासी मुख्यमंत्री को पूरी तरह से अपनाना वैसे भी दिक्कततलब है. इस पर से उनकी प्रशासनिक क्षमताओं की कमी ने भी लोगों का मोह उनसे भंग किया. उनके खिलाफ राज्य इकाई से शिकायतें आने लगीं थीं.

बीजेपी ने 2014 के चुनाव में 37 सीटें जीती थीं

बीजेपी ने 2014 के चुनाव में 37 सीटें जीती थीं

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रघुबर दास के नेतृत्व में बीजेपी ने 2014 के चुनाव में 37 सीटें जीती थीं और बाद में अपनी ताकत 44 सीटों की करने में सफल हुई थी. वहीं इस बार वह 32 सीटों पर सिमट सकती है. इसके पीछे की वजह मुख्यमंत्री रघुबर दास की विश्वसनीयता का कम होना बताया जा रहा है.

1995 में पहली बार विधानसभा का चुनाव जीता

1995 में पहली बार विधानसभा का चुनाव जीता

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रघुबर दास ने साल 1995 में पहली बार जमशेदपुर पूर्व (उस समय बिहार राज्य) से विधानसभा का चुनाव लड़ा था और जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे थे. तब से उन्होंने लगातार 5वीं बार इसी क्षेत्र से विधानसभा चुनाव जीता है. 

3 मई 1955 को जमशेदपुर में जन्म हुआ (Photos- twitter)

3 मई 1955 को जमशेदपुर में जन्म हुआ (Photos- twitter)

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उनका जन्म 3 मई 1955 को जमशेदपुर में हुआ. रघुबर दास के पिता का नाम चमन राम है. दास अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं. उन्होंने अपना बचपन बहुत अभावों में गुजारा. जमशेदपुर की टाटा स्टील रोलिंग मिल में मजदूर के रूप में काम किया. रघुबर दास के परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटा और एक बेटी हैं.