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करगिल युद्ध को अंजाम देने वाले मुशर्रफ ने कहा, ‘आग उगल रहे मोदी’

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सेनाध्यक्ष जनरल परवेज़ मुशर्रफ ने एक भारतीय टीवी चैनल को दिये इंटरव्यू में कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान के खिलाफ आग उगल रहे हैं।

Updated on: 28 Sep 2016, 03:04 PM

नई दिल्ली:

उरी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है और दोनों के देशों के बीच करगिल के समय जैसे हालात हो गए हैं। पाकिस्तान में हो रहे सार्क सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लेने से मना कर दिया है। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सेनाध्यक्ष जनरल परवेज़ मुशर्रफ ने एक भारतीय टीवी चैनल को दिये इंटरव्यू में कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान के खिलाफ आग उगल रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि देशों के बीच लड़ाई की बात करना बेवकूफी होगी।

मुशर्रफ की नौ बड़ी बातें

1. अटल बिहारी वाजपेयी साहब और मनमोहन सिंह साहब में सिंसियरिटी थी। वे पीसफुली आगे जाना चाहते थे। अब मोदी साहब आ गए। वो तो आग उगलते रहते हैं। वे जंग चाहते हैं, पर हमें भूटान या नेपाल न समझें।

2. मोदी साहब ने सही फॉरेन मिनिस्टर चुना है, जो पाकिस्तान को हमेशा गालियां देती रहें। वे यूनाइटेड नेशन्स में जाकर कह रही हैं कि सारा कश्मीर हमारा है। वाजपेयी जी के समय में भी वो फॉरेन मिनिस्टर थीं, जब हम शांति की तरफ जा रहे थे तो वे मीडिया में हमारे खिलाफ ज़हर उगल रही थीं।

3. भारत पाकिस्तान के बलूचिस्तान में अलगाववाद फैला रहा है। अफगानिस्तान के साथ पाकिस्तान के रिश्ते को भी खराब कर रहा है भारत।

4. कश्मीर का मुद्दा पहले से चल रहा है। हम इस पर बात करना चाहते हैं, लेकिन मुख्य कारण कश्मीर है जिस पर बात नहीं हो रही। भारत कश्मीर के मुद्दे पर बात करने से बच रहा है।

5. इसका हल निकालने के लिए हम वाजपेयी जी और मनमोहन साहब से बातचीत कर रहे थे। हमने 4 प्वाइंट का एक एजेंडा भी बनाया हम कश्मीर का मुद्दा हल करने के लिए आगे बढ़ रहे थे।

6. पाकिस्तान के पीएम और मोदी साहब सही मायने में चाहें तो हल निकल सकता है। पाकिस्तान हमेशा से चाहता है, लेकिन भारत नहीं चाहता। भारत खुद को बड़ा समझता है और हमें दबाना चाहता है। मैंने कई दफा कहा है कि इंडिया मुल्क बड़ा है, पर इसका दिल छोटा है।

7. बुरहान वानी के पीछे लाखों लोग बाहर निकले हैं तो वो लीडर नहीं तो और क्या है।

8. पाकिस्तान के जितने भी लोग हैं, वो कश्मीर के सपोर्ट में निकलने को तैयार हैं। लश्कर-ए-तैयबा जैसे सब संगठन 1990 से एक्टिव हुए हैं। आप कश्मीर को हल कर लेंगे तो आतंकी खुद ही ठंडे पड़ जाएंगे।
9. बलूचिस्तान में सब ठीक है। थोड़े से लोग हैं जिन्हें रॉ और भारत समर्थन दे रहा है। बलूचिस्तान का मुद्दा उठाना भारत का खेल है।