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अपनी शर्तों पर 'राफेल' खरीदेगा भारत, ये है विमान की खासियत

राफेल सौदे का बहुप्रतीक्षित इंतज़ार अब समाप्त होने वाला है। भारत अपनी शर्तों पर राफेल विमानों को खरीदने में सफलता हासिल करने वाला है और जल्द ही इस खरीद पर रक्षा मामलों की कैबनेट कमिटी मुहर लगाएगी।

Updated on: 15 Sep 2016, 04:27 AM

नई दिल्ली:

राफेल सौदे का इंतजार अब समाप्त हो जाएगा। भारत अपनी शर्तों पर राफेल विमानों को खरीदने में सफलता हासिल करने वाला है और जल्द ही इस खरीद पर रक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी मुहर लगाएगी। 7.87 बिलियन यूरो यानि 59 हजार करोड़ की लागत से 36 राफेल विमान खरीदे जाएंगे जिसे भारत आने में करीब 36 महीने लग जाएंगे। यानि एक यूनिट राफेल की कीमत करीब 92 मिलियन यूरो होगी।

रक्षा सूत्रों के मुताबिक, राफेल डील के लिए सभी शर्तें तय कर ली गयी है। इसके लिए फ्रांस का एक दल अपने भारतीय समकक्ष के साथ कई चरण में बैठक के बाद डील को अंतिम रूप देने में कामयाब हुआ है। सूत्रों के मुताबिक दोनों देशों के बीच समझौते का दस्तावेज तैयार होने के बाद इसे कैबिनेट की अनुमति के लिए भेजा जायेगा।

ऐसा माना जा रहा है कि राफेल के करार पर औपचारिक हस्ताक्षर के लिए फ़्रांस का एक दल भारत आएगा और फिर दोनों देशों के बीच राफेल विमानों के करार पर अंतिम मुहर लग जाएगी।


राफेल विमान की ख़ासियत

> राफेल के साथ ही भारत ऐसे हथियारों से लैस हो जायेगा जिसका एशिया महाद्वीप में कोई सानी नहीं।

> राफेल के साथ मेटीओर मिसाइल्स जो हवा से हवा में 150 किमी तक मार कर सकती हैं।

> राफेल मीका मिसाइल से भी लैस है जिसकी रेंज हवा से हवा में 79 किमी है।

> स्काल्प मिसाइल भी राफेल के साथ है क्रूज मिसाइल की श्रृंखला में आती है और इसका रेंज 300 किमी है।

> इस डील के बाद चीन हो या पाकिस्तान भारत की हवाई ताकत के जद में आ जाएंगे और भारत के सामने कमतर ही महसूस करेंगे।

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डील में सरकार ने कैसे बचाए पैसे

> इस डील के पीछे प्रधानमंत्री की अपनी कोशिशें भी कम नहीं रही। पीएमओ लगातार बातचीत के हर दौर पर नजर बनाए रखा और समुचित सुझाव भी दिए गए।

> भारतीय वायु सेना दल ने फ्रेंच अधिकारियो से डील को मौजूदा बाजार भाव पर लाने के लिए एक के बाद एक कई दौर की बातचीत की जिसके साथ अधिकतम 3.5 फीसदी का इन्फ्लेशन तय किया गया।

> अगर यूरोपीय बाज़ारो में इन्फ्लेशन इससे कम रहेगा तो इसका लाभ भी भारत को मिलेगा। जबकि यूपीए के दौर में इन्फ्लेशन की शर्त 3.9 फीसदी निर्धारित हुई थी।इस डील के तहत फ्रेंच कंपनी डासौट को यह भी सुनिश्चित करना होगा की फ्लीट का 75 फीसदी हर हाल में ऑपरेशनल रहे।

> इसके लिए 5 साल की वारंटी पर भी हस्ताक्षर होंगे। वारंटी को बढ़ाने के प्रावधान भी रखे गए हैं। साथ ही अगर 36 महीने में राफेल विमान को देने में देरी हुई तो कंपनी पर पेनल्टी भी लगेगी।