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बदहाली झेलने को मजबूर है, पूर्व पीएम चंद्रशेखर का बलिया

2017 विधानसभा चुनाव की आहट होते ही नेता वादों और दावों का पिटारा लेकर फिर से तैयार हैं। बलिया में रोड नहीं है, बिजली नहीं है, शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है।

Updated on: 25 Sep 2016, 07:24 PM

नई दिल्ली:

पूर्व पीएम चंद्रशेखर के नाम से बलिया की पहचान है, लेकिन ये इलाका विकास से कोसों दूर नजर आता है। वीआईपी इलाका होने के बावजूद बलिया विकास के लिए तरस रहा है। ना अच्छी सड़के हैं और ना रोज़गार, इतना अहम इलाका होने के बावजूद भी बलिया का विकास नहीं हो पा रहा है।

2017 विधानसभा चुनाव की आहट होते ही नेता वादों और दावों का पिटारा लेकर फिर से तैयार हैं। बलिया में रोड नहीं है, बिजली नहीं है, शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है।

कहने को तो समाजवादी पार्टी पूर्व पीएम चंद्रशेखर की विरासत पर अपना हक़ जमाती है, लेकिन चार साल तक उसे भी बलिया की सुध नहीं आई। पांचवे साल में सरकर ने बलिया को यूनिवर्सिटी का तोहफा देने की कोशिश की है ।

हालांकि यूनिवर्सिटी के लिए 10 करोड़ रूपये का आवंटन जरूर किया गया है, लेकिन यूनिवर्सिटी के लिहाज़ से ये रकम काफी कम है। इससे समझा जा सकता है कि समाजवादी पार्टी की सरकार बलिया की तस्वीर बदलने के लिए कितनी गंभीर है।