डेंगू से होने वाली मौतें सरकारी लापरवाही का नतीज़ा, आकड़ों से की गई छेड़छाड़: CAG
डेंगू पर आई सीएजी की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में डेंगू से होने वाली मौतों के आंकड़ों से छेड़छाड़ किया जाता रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि डेंगू से जुड़े आंकड़ों को कम करके पेश किया जाता रहा है, और इसे रोकने में लगातार लापरवाही भी बरती गई है।
नई दिल्ली:
डेंगू पर आई सीएजी की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में डेंगू से होने वाली मौतों के आंकड़ों से छेड़छाड़ किया जाता रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि डेंगू से जुड़े आंकड़ों को कम करके पेश किया जाता रहा है, और इसे रोकने में लगातार लापरवाही भी बरती गई है। सीएजी का कहना है कि अगर ठोस कदम उठाए जाते तो इन मोतों पर काबू पाया जा सकता था।
रिपोर्ट में सरकार, म्युनिसिपल कॉरपोरेशन और विभिन्न एजंसिंयों का डेंगू से निपटने की तैयारी पर चर्चा की गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में डेंगू के मामलों में 1967 से लगातार बढ़ोतरी हो रही है, इससे निपटने की तैयारियों और ज़रूरतों को लेकर एजेंसियों की तरफ से बरती गई लापरवाही के कारण दिल्ली में इससे होने वाली मौतों में बढ़ोतरी हुई है।
सीएजी ने 2013 से 2015 के डेंगू मामलों की जांच की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्पतालों ने 2015 में 409 डेंगू के मामले दर्ज़ किये, लेकिन स्टेट रिव्यू कमेटी ने सिर्फ 46 मामले दर्ज़ किये। जिसमें 46 दिल्ली के थे और 14 दूसरे राज्यों के थे। इससे जाहिर होता है कि शहर में डेंगू से मरने वालों के सही आंकड़े प्रस्तुत नहीं किये गए।
इस रिपोर्ट को अभी टेबल नहीं किया गया है। रिपोर्ट कहती है कि 2015 में 67,500 डेंगू के मामलों में सिर्फ 33 फीसदी की ही जानकारी केंद्र सरकार को भेजी गई। सीएजी ने कहा है कि दिल्ली में डेंगू पर काबू पाने के उपायों और निगरानी के लिये ठोस कदम नहीं उठाए गए।
जानकारी हो कि हाल ही में श्री लंका ने मलेरिया पर पूरी तरह से काबू पा लिया है।
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