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25 सितंबर से पहले व्हाट्सऐप छोड़ने वाले यूजर्स का डेटा करें डिलीट: HC

मैसेन्जर ऐप व्हाट्सऐप के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने एक बड़ा निर्देश जारी किया है। अब व्हाट्सऐप को यूजर्स डेटा करना होगा डिलीट

Updated on: 23 Sep 2016, 06:41 PM

नई दिल्ली:

मैसेन्जर ऐप व्हाट्सऐप के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने एक बड़ा निर्देश जारी किया है। इसके तहत व्हाट्सऐप को अब मौजूदा यूजर्स का हर डेटा डिलीट कर देना होगा जो व्हाट्सऐप यूज करना छोड़ देंगे इससे पहले कि वो 25 सितंबर से नया कानून लागू करें। दरअसल 25 सितंबर से व्हाट्सऐप अपने यूजर्स का हर डेटा फेसबुक के साथ साझा करने जा रहा है। व्हाट्सऐप को 25 सितंबर से उन लोगों का भी डेटा डिलीट करना होगा जो कि मौजूदा वक्त में व्हाट्सऐप इस्तेमाल कर रहे हैं। 

चीफ जस्टिस जी रोहिनी और जस्टिस संगिता धींगरा सेहगल की अध्यक्षता वाली इस बेंच ने ये फैसला दिया है। इस नियम के तहत व्हाट्स ऐप को अपना डेटा फेसबुक के साथ साझा करने से मना कर दिया है। साथ ही किसी भी कंपनी के साथ यूजर्स के डेटा को शेयर नहीं कर सकते जो कि 25 सितंबर से पहले व्हाट्स ऐप छोड़ देंगे। व्हाट्सऐप को उनका डेटा भी डिलीट करना होगा जो इस वक्त व्हाट्स इस्तेमाल कर रहे हैं।

व्हाट्स ऐप की नई निति के तहत वो अपने यूजर्स का डेटा फेसबुक के साथ शेयर करेगा और ये ही बात यूजर्स को परिशान कर रही थी और वो लगातार अपनी प्राइवेसी को लेकर सवाल पूछ रहे थे। 

इसके तहत कोर्ट ने यूजर्स की सिक्युरिटी को को ध्यान में रखते ये निर्देश जारी किए हैं जिसके तहत व्हाट्सऐप ने अपने लांच के वक्त यूजर्स को पूरी प्राइवेसी मुहैय्या कराने की बात कही थी और अब इससे पलट रहा है। वहीं दूसरी तरफ किसी व्यक्ति की प्राइवेसी को लेकर क्या दिशा निर्देश होंगे ये भी अभी सुप्रीम कोर्ट को तय करना बाकी है।

कोर्ट ने कहा है कि "यूजर्स की सिक्युरिटी को ध्यान में रखते हुए और व्हाट्सऐप के द्वारा सिक्योरिटी देने की यकीनदहानी करने के बाद जो कि उसने व्हाट्सऐप लांच करते वक्त दिया था और इस बात को भी ध्यान रखते हुए कि किसी व्यक्ति के प्राइवेसी के अधिकार होते हैं जो कि अभी सुप्रीम कोर्ट से तय होना बाकी है ऐसे में हम व्हाट्सऐप यूजर्स का हित की रक्षा करने के लिए ये निर्देश जारी किए हैं"।

व्हाट्सऐप के यूजर्स की प्राइवेसी की बात करते हुए कोर्ट ने कहा है कि व्हाट्सऐप अब पुराने कानून लागू रहने देने की जिद नहीं कर सकता है क्योंकि इस ऐप ने लांच के वक्त यूजर्स को दिए अपने वादे को तोड़ दिया है जो कि यूजर्स के डेटा की मुकम्मल सिक्यूरिटी देने का था।