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कावेरी जल विवादः कर्नाटक सरकार SC मे दायर करेगी रिव्यू पेटिशन

कावेरी नदी जल बंटवारे मामले पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को कर्नाटक विधानसभा ने मानने से मना कर दिया है। विधानसभा में शुक्रवार को इसके लिए सभी दलों ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया ।

Updated on: 25 Sep 2016, 10:31 AM

नई दिल्ली:

कर्नाटक सरकार अाज सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पेटिशन दायर करेगी। सरकार कोर्ट से अनुरोध करेगी कि कर्नाटक को 6000 क्यूसिक पानी तमिलनाडु को 27 सित्मबर तक देने  के फैसले पर कोर्ट फिर से विचार करे। 

कावेरी जल विवाद को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि कर्नाटक विधानसभा ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया है।पारित प्रस्ताव में कहा गया कि तमिलनाडु को कावेरी जल रिहाई को लेकर दिए गए फैसले को संशोधित किया जाए। 

मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने अपने खत में कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं पर कर्नाटक के चारों जल स्रोतों में केवल 27.6 टीएमसीएफटी पानी है, जबकि रोजमर्रा के इस्तेमाल के लिए मई 2017 तक 24.11 टीएमसीएफटी पानी की जरूरत पड़ेगी। हमें अपने पशु पक्षियों के लिए भी पानी चाहिए। अगर हम तमिलनाडु को पानी देते हैं तो क्या यह वापस मिलेगा?

प्रस्ताव में कर्नाटक कृष्णा राज सागर, हेमवती, हरांगी और काबिनी के गिरते जल स्तर पर भी चिंता जताई जा गई है। इन चारो नदियों का जल स्तर बेहद कम 27.6 टीएमसीएपफटी तक ही रह गया है।

मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं पर हमारे चारों जल स्रोतों में केवल 27.6 टीएमसीएफटी पानी है, जबकि रोजमर्रा के इस्तेमाल के लिए मई 2017 तक 24.11 टीएमसीएफटी पानी की जरूरत पड़ेगी। हमें अपने पशु पक्षियों के लिए भी पानी चाहिए। अगर हम तमिलनाडु को पानी देते हैं तो क्या यह वापस मिलेगा?

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक को 6000 क्यूसिक पानी तमिलनाडु को 27 सित्मबर तक देने को कहा था।