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कैराना में हिन्दू परिवारों का हुआ पलायन - NHRC रिपोर्ट

यूपी के कैराना में हिन्दुओं के पलायन पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम ने अपनी रिपोर्ट दे दी है

Updated on: 22 Sep 2016, 11:43 AM

नई दिल्ली:

यूपी के कैराना में हिन्दुओं के पलायन पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। गौरतलब है कि कैराना से हिन्दु परिवारों के पलायन की खबर आने के बाद यूपी की सियासत गरमा गई थी और राजनीतिक पार्टियों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया था।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कैराना से पलायन की सबसे बड़ी वजह वहां रह रहे हिन्दू परिवारों का डर है। रिपोर्ट के मुताबिक कैराना से सैकड़ों परिवार सूरत, देहरादून जैसे जगह पलायन करके जा चुके हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कैराना में आबादी का अनुपात बदल चुका है और कैराना में अल्पसंख्यक हिन्दू महिलओं के साथ छेड़छाड़ की घटना आम बात है।

NHRC के मुताबिक यहां आए दिन मिलने वाली धमकियों,रंगदारी और छेड़छाड़ से तंग आकर लोगों ने पलायन करना शुरु कर दिया एनएचआरसी ने इस मामले में यूपी के डीजीपी और मुख्य सचिव से 8 हफ्तों इस मामले में क्या एक्शन लिया गया है इसकी रिपोर्ट मांगी है। इससे पहले एनएचआरसी ने यूपी सरकार को कैराना में हो रहे पलायन के मुद्दे पर नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा था।

गवाहों और 3 कॉलोनियों का सर्वे करने के बाद शामली प्रशासन की रिपोर्ट के विपरीत एनएचआरसी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि साल 2013 में मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों का यहां पुनर्वास किया गया है जिसकी वजह से कैराना में 25 से 30 हजार तक मुस्लिम परिवार कैराना आ गए जिससे इलाके में जनसंख्या का अनुपात बदल गया और मुस्लिम यहां बहुसंख्यक हो गए। एनएचआरसी ने जिन लोगों से बात की है उसमें अधिकांश गवाहों ने माना है कि साल 2013 के बाद कैराना की सामाजिक स्थिति एकदम बदल गई और कानून व्यवस्था भी यहां लगातार बदतर होती चली गई है।

गौरतलब है कि कैराना से बीजेपी सांसद हुकुम सिंह ने दावा किया था कैराना से लगभग 250 हिन्दू परिवारों ने एक वर्ग विशेष से तंग आकर पलायन कर लिया है।