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बचपन से ही क्रिकेट के शौकीन थे रवीन्द्र जडेजा, जानिये पूरी कहानी

गेंदबाजी के साथ—साथ बल्लेबाजी में भी माहिर जडेजा

Updated on: 24 Sep 2016, 11:34 PM

नई दिल्ली:

भारतीय क्रिकेट में बतौर आलराउंडर अपनी शुरुआत करने वाले रविंद्र जडेजा ने गेंदबाजी के साथ—साथ बल्लेबाजी में भी अपना लोहा मनवा दिया है। रविंद्र जडेजा ने बहुत ही कम समय में जो मुकाम हासिल किया है, वह बेहद ही काबिलेतारीफ है।

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उन्होंने प्रशंसकों का दिल जीतते हुए अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया है। उन्होंने कानपुर टेस्‍ट में न्‍यूजीलैंड के खिलाफ पांच विकेट झटक कर एक बार ​फिर से खुद को साबित कर दिया है। आज हम आपको रविंद्र जडेजा की क्रिकेटर जर्नी से रूबरू करवाएंगे। इसे पढ़ने के बाद आप भी जडेजा की क्रिकेटर शैली के फैन हो जाएंगे।

1.रविंद्र जडेजा का पूरा नाम रविन्द्रसिन्ह अनिरुद्धसिन्ह जडेजा है। बचपन से ही क्रिकेट के शौकीन रहे जडेजा ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सौराष्ट्र का और आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स का प्रतिनिधित्व किया है।

2. जडेजा की खासियत है कि वह एक बाएं हाथ के मध्य क्रम के बल्लेबाज हैं। इसके साथ ही वह धीमी गति से गेंदबाजी करने के लिए भी बेहद लोकप्रिय हैं।

3. जडेजा के अंतरराष्ट्रीय कैरियर की शुरुआत 8 फरवरी 2009 को हुई। इस श्रृंखला के फाइनल मैच में उन्होंने 60 रन बनाए। 2009 के World Twenty 20 में खराब प्रदर्शन के चलते जडेजा को आलोचना का शिकार भी होना पड़ा था। दिसम्बर 2009 में श्रीलंका के खिलाफ चार विकेट झटकने पर जडेजा मैन ऑफ़ द मैच पुरस्कार से सम्मानित हुए थे।

4. 2006-07 में दिलीप ट्रॉफी से अपने प्रथम श्रेणी कैरियर की शुरुआत करने वाले जडेजा India-A सेटअप का भी हिस्सा रह चुके हैं।
उन्होंने 2006 और 2008 में भारत के लिए अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप खेला। 2008 के अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप में उनकी गेंदबाजी और फिल्डिंग से भारत फाइनल जीतने में कामयाब रहा था।

5.बल्‍लेबाजी के लिए हमेशा से ही निशाने पर र​हे जडेजा ने अब तक 17 टेस्‍ट में 23.42 के औसत से 71 विकेट लपके हैं, वहीं 126 वनडे मैचों में 34.55 के औसत से उन्होंने 147 विकेट अपने नाम किए हैं।

6. मीडिया में कैप्टन कूल की पसंद माने जाने वाले 'सर जडेजा' को चेतेश्‍वर पुजारा अनिल कुंबले की 'परछाई' कहते हैं, क्योंकि कुंबले की तरह वो भी गेंद को ज्‍यादा टर्न नहीं कराते हैं।

चुनौतियों से टक्कर लेने वाले रविंद्र जडेजा को गेंदबाजी के साथ—साथ अब बल्लेबाजी में भी अपना दमखम दिखाना होगा। तभी वह महान आलराउंडरों की श्रेणी में सकते हैं।