मंगल मिशन की बदलेगी चाल: इसरो
मार्स ऑर्बाइटर मिशन के दो साल पूरे होने के दौरान इसरो एक प्रमुख प्रक्रिया के तहत इसकी चाल में बदलाव करेगा ताकि इस पर ग्रहण का असर कम हो और ज्यादा दिन तक सुरक्षित रह सके।
नई दिल्ली:
मार्स ऑर्बाइटर मिशन के दो साल पूरे होने के दौरान इसरो एक प्रमुख प्रक्रिया के तहत इसकी चाल में बदलाव करेगा ताकि इस पर ग्रहण का असर कम हो और ज्यादा दिन तक सुरक्षित रह सके।
इशरो द्वारा किये जा रहे बदलाव “ग्रहण अवधि” के प्रभाव को कम करने के साथ ही अंतरिक्ष यान को अधिक समय के लिए सुरक्षित भी रखेगा।
ISRO Chairman ए.एस किरन कुमार ने कहा कि लाल ग्रह ने 24 सितंबर को दो साल पूरे कर लिए थे। हालांकि इस मिशन के छह महीने से ज्यादा चलने की किसी को भी उम्मीद नहीं थी। अंतरिक्ष एजेंसी ने अपने पांच पेलोड द्वारा प्रसारित पहले साल के डाटा को बहुत पहले ही जारी कर दिया था।
गौरतलब है कि MOM को मंगलयान कहा जाता है। 5 नवंबर 2013 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी-सी 25 द्वारा इसे सफलतापूर्ण लांच किया गया था।
अंतरिक्ष में 300 दिन की यात्रा के बाद इस मंगलयान ने 24 सितंबर, 2014 को मंगल ग्रह की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर इतिहास रच दिया था।
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