रुचिका गिरहोत्रा आत्महत्या: SC ने हरियाणा के पूर्व DGP राठौड़ माना दोषी, लेकिन नहीं जाएंगे जेल
रुचिका गिरहोत्रा छेड़छाड़ मामले में हरियाणा के पूर्व डीजीपी शंभू प्रताप सिंह राठौड़ को राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा को बरकरार रखा है, लेकिन उन्हें जेल जाने से राहत दी है।
नई दिल्ली:
रुचिका गिरहोत्रा छेड़छाड़ मामले में हरियाणा के पूर्व डीजीपी शंभू प्रताप सिंह राठौड़ को राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा को बरकरार रखा है, लेकिन उन्हें जेल जाने से राहत दी है।
कोर्ट का कहना है कि उन्होंने जेल में जो सजा काटी वह काफी है। इसलिए अब उन्हें जेल नहीं जाना होगा।
इस मामल में हरियाणा के पूर्व डीजीपी राठौड़ ने 5 महीने 18 दिन जेल की सजा काट चुके हैं। एसपीएस राठौड़ को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए उसकी इस सजा अवधि को काफी माना। जानकारी हो कि 1990 में तत्कालीन आईजी SPS राठौड़ पर 14 वर्षीय रुचिका गिरहोत्रा ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया था। 1993 में रुचिका ने खुदकुशी कर ली थी।
दरअसल, 22 दिसंबर 2009 को घटना के 19 साल के बाद निचली अदालत ने राठौड़ को छेड़छाड़ के मामले में आईपीसी की धारा 354 का दोषी करार देते हुए छह महीने की कैद और 1,000 रुपये का जुर्माना की सजा सुनाई थी। लेकिन हाईकोर्ट ने इस सजा को बढ़ाकर 18 महीने कर दिया था।
राठौड़ ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और 11 नवंबर 2010 को सुप्रीम कोर्ट ने राठौर को सशर्त जमानत दे दी थी।
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