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मोहल्ला क्लिनिक की आड़ में अपनी पार्टी की भलाई कर रही है दिल्ली सरकार- माकन

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने दिल्ली के 104 मोहल्ला क्लीनिक पर सर्वे किया है, जिसके आधार पर उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इन क्लीनिक से आप ने दूसरों से ज़्यादा अपने पार्टी कार्यकर्ताओं की भलाई की है।

Updated on: 22 Sep 2016, 11:49 PM

नई दिल्ली:

केजरीवाल के सबसे सफल माने जाने वाले योजना मोहल्ला क्लिनिक पर भी अब आरोप के बादल घिरते दिखाई दे रहें है। गुरुवार को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लिनिक पर खुलासा करते हुए कहा कि मोहल्ला क्लिनिक द्वारा लोगों की भलाई कम और अपनी पार्टी का प्रचार प्रसार अधिक किया जा रहा है।

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने दिल्ली के 104 मोहल्ला क्लीनिक पर सर्वे किया है, जिसके आधार पर उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इन क्लीनिक से आप ने दूसरों से ज़्यादा अपने पार्टी कार्यकर्ताओं की भलाई की है।

माकन ने सर्वेक्षण जारी करते हुये कहा कि इनको स्थापित करने का मकसद जन स्वास्थ्य को बेहतर बनाना नहीं बल्कि केजरीवाल की छवि और पार्टी के कार्यकर्ताओं को लाभ पहुंचाना है।

उन्होंने कहा कि कई मोहल्ला क्लिनिक पहले से ही चल रहे दिल्ली सरकार और निगमों के स्वास्थ्य केन्द्रों के पास खोले गये हैं। इसके साथ ही इन्हें खोलने के लिये जो जगह ली गई है उसपर किराये के रुप में बहुत ज़्यादा पैसे खर्च किये जा रहे हैं। अब तक 104 मोहल्ला क्लिनिकों पर करीब दो करोड़ रुपये महीना खर्च किया जा चुका है और इसका सीधा फायदा आम आदमी के नेताओं को हो रहा है।

अजय माकन ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल के दौरान भी राजधानी में जन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिये पूरा ध्यान दिया गया था। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आप सरकार अगर नया मोहल्ला क्लिनिक खोलने के बजाय मौजूदा जन स्वास्थ्य सुविधाओं को और मजबूत करे पर ध्यान दे तो राजधानी में स्वास्थ्य सेवायें और भी बेहतर हो सकती है।

उन्होंने मांग की कि कोई भी नया मोहल्ला क्लिनिक वहीं खोला जाए जहां इनकी जरूरत हो।

मोहल्ला क्लिनिकों का समय बढ़ाकर कम से कम 12 घंटे किया जाये और आपात सेवायें 24 घंटे मुहैय्या कराये जाये।

मोहल्ला क्लिनिक, डिस्पेंसरियों और अन्य स्वास्थ्य केन्द्रों के साथ बेहतर तालमेल स्थापित किया जाये। निजी डाक्टरों की सेवाएं लेने की बजाय डाक्टर और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के ख़ाली पदों को भरा जाये।

सरकार को चाहिये कि वो मरीज़ों के लिए सस्ती दवाएं उपलब्ध करायें।

मोहल्ला क्लिनिक की पायलट परियोजना सितम्बर में खत्म हो गयी है इसके क्या परिणाम रहे, इसकी जानकारी सार्वजनिक की जानी चाहिये।

मोहल्ला क्लिनिक चलाने के लिये पारदर्शिता और स्वास्थ्य सेवाओं के लिये समुदाय की हिस्सेदारी सुनिश्चित की जानी चाहिये।