इंश्योरेंस नहीं लिया है तो ले लीजिए, क्योंकि परेशानी कभी भी आ सकती है
इंश्योरेंस मुसीबत के समय में खर्च कम करने में मदद के साथ ही पैसे बचाने में भी काफी उपयोगी है
नई दिल्ली:
सामान्तया लोगों की सोच है कि इंश्योरेंस पारिवारिक लोगों और उम्रदराज लोगों के लिए ही है जबकि ऐसा नहीं है कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसकी आमदनी है वह इंश्योरेंस ले सकता है. युवा, बुजुर्ग और कुंवारे भी इंश्योरेंस ले सकते हैं. हालांकि इंश्योरेंस लेने से पहले यह बिल्कुल ज़रूरी नहीं है कि इंश्योरेंस लेने वाले व्यक्ति पर पर कोई निर्भर है या नहीं.
ऐसे लोग जो दूसरों की कमाई पर निर्भर रहते हैं, आश्रित कहे जाते हैं। एक नाबालिक बच्चा, बुजुर्ग माता-पिता या फिर जीवनसाथी भी आप पर आश्रित हो सकते हैं. आपकी गैरमौजूदगी में आप पर आश्रित लोगों को किसी तरह की वित्तीय दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े, इसलिए इंश्योरेंस सबसे बेहतर और सुरक्षित जरिया है. लेकिन मान लीजिए कि आप पर कोई आश्रित नहीं है तो क्या फिर भी इंश्योरेंस लेने की वाकई ज़रूरत है. तो इसका उत्तर हां में है. इंश्योरेंस मुसीबत के समय में खर्च कम करने में आपकी पूरी मदद करता है साथ ही पैसे बचाने में भी यह काफी उपयोगी है.
आश्रित नहीं होने पर भी इंश्योरेंस क्यों है ज़रूरी? जानिए 4 बड़ी वजह
1. गंभीर बीमारी की स्थिति में परिवार काफी परेशान रहता है. कैंसर और अन्य गंभीरी बीमारियों की स्थिति में आप आर्थिक रूप से काफी लाचार हो जाते हैं. कैंसर के इलाज में तो लाखों रुपये का बोझ आता है. ऐसे में अगर इतने बड़े इलाज का खर्च अचानक आ जाए तो आप मुश्किल में घिर सकते हैं. इसलिए सही इंश्योरेंस प्लान से आप इस मुसीबत से बच सकते हैं.
2. मान लीजिए कि आपकी शादी अभी नहीं हुई है, लेकिन भविष्य में आपकी शादी होती है और बच्चे होते हैं तब क्या होगा? ऐसे में आपके लिए इंश्योरेंस खरीदना बेहद जरूरी है। लंबे समय तक इंतजार करने से प्रीमियम महंगा होता जाएगा जो कि काफी दिक्कत करेगा. इसलिए समय रहते इंश्योरेंस पॉलिसी लेने में ही भलाई है. बता दें कि उम्र बढ़ने के साथ इंश्योरेंस का प्रीमियम महंगा होता जाता है.
3. मार्केट में उपलब्ध ज्यादातर इंश्योरेंस प्लान में टैक्स छूट के फायदे भी शामिल हैं. लाइफ इंश्योरेंस, हेल्थ इंश्योरेंस, गंभीर बीमारियों की कवरेज के लिए प्रीमियम भुगतान और मैच्योरिटी बेनिफिट के तौर पर मिलने वाली रकम पर आपको इनकम टैक्स की धारा 80C, 80D और 10(10)D के तहत टैक्स छूट का फायदा मिल सकता है. प्रीमियम के तौर पर भुगतान की गई राशि और मैच्योरिटी बेनिफिट की रकम को तय की गई सीमा तक टैक्सेबल इनकम से घटा दी जाती है.
4. अगर आपने अपनी संपत्तियों का इंश्योरेंस अभी तक नहीं लिया है तो ले लीजिए, ताकि आकस्मिक विपदा की स्थिति में इंश्योरेंस के जरिए उसकी भरपाई की जा सके. इसलिए घर का इंश्योरेंस, गाड़ी का इंश्योरेंस, ट्रैवल इंश्योरेंस या फिर कोई भी जरूरी इंश्योरेंस करवाना जरूरी है. मुसीबत के समय आर्थिक नुकसान की भरपाई इंश्योरेंस ही कर सकता है.
इंश्योरेंस के लिए बेहद कम प्रीमियम देकर बड़ा रिस्क कवर हासिल किया जा सकता है. इंश्योरेंस के लिए आप अपनी संपत्ति के नुकसान की भरपाई के साथ ही अचानक आई विपत्ति के समय आर्थिक सुरक्षा भी मिलती है.
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