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अगर टैक्स नहीं भरते हैं, तो भी फाइल करें आयकर रिटर्न (Income Tax Return), ये होंगे फायदे

अगर आप आयकर के दायरे में नहीं भी आते हैं तो भी आपको रिटर्न फाइल करना चाहिए. जानकारों की मानें तो रेग्युलर रिटर्न फाइल करने से आपको क्रेडिट कार्ड, होम लोन, इंश्योरेंस आदि से जुड़े कई तरह के फायदे आपको मिलते हैं.

Updated on: 26 Jun 2019, 12:41 PM

highlights

  • वित्त वर्ष 2018-19 के लिए रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2019
  • आयकर के दायरे में नहीं आने पर भी रिटर्न फाइल करने के हैं कई फायदे
  • नियमित आयकर रिटर्न फाइल करने से बन जाता है मजबूत वित्तीय बैकग्राउंड

नई दिल्ली:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को पूर्ण बजट (Budget) पेश करेंगी. जानकार पूर्ण बजट में आयकर दाताओं (Tax Payers) को छूट मिलने की संभावना जता रहे हैं. वहीं दूसरी ओर वित्त वर्ष 2018-19 में प्राप्त हुई इनकम के लिए आयकर रिटर्न (Return) फाइल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2019 है. व्यक्तिगत, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) और जिनके खातों की ऑडिट की जरूरत नहीं है वे 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल कर सकते हैं.

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अगर आप आयकर के दायरे में नहीं भी आते हैं तो भी आपको रिटर्न फाइल करना चाहिए. जानकारों की मानें तो रेग्युलर रिटर्न फाइल करने से आपको कई तरह के फायदे मिलते हैं. क्या है वो फायदे आइये इस रिपोर्ट में जानने की कोशिश करते हैं.

टैक्स रिफंड के लिए जरूरी है रिटर्न फाइल करना
टैक्स रिफंड के लिए रिटर्न फाइल करना जरूरी है. अगर आप टैक्स रिफंड पाना चाहते हैं तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना पड़ेगा.

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पिछले घाटे को कर सकते हैं समायोजित
आयकर रिटर्न के जरिए आप अपने घाटे (Loss) को 8 साल तक बढ़ा सकते हैं. इसके अलावा इस घाटे को भविष्य के रिटर्न में दिखाकर पूंजीगत लाभ के बदले समायोजित भी कर सकते हैं. साथ ही टैक्स में छूट भी प्राप्त कर सकते हैं.

कर्ज और क्रेडिट कार्ड आवेदन के लिए रिटर्न जरूरी
कार लोन, होम लोन के आवेदन के समय अधिकतर बैंक पिछले 2 या 3 साल की ITR की कॉपी मांगते हैं. वहीं क्रेडिट कार्ड जारी करने से पहले बैंक ग्राहकों से ITR मांगते हैं.

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वीजा के लिए है जरूरी
अधिकतर विदेशी दूतावास इंटरव्यू के दौरान पिछले 2 साल के ITR की मांग कर सकते हैं. अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और यूरोप के वीजा के लिए आवेदन के दौरान ITR बहुत जरूरी है.

इंश्योरेंस के लिए भी हो गया है जरूरी
आजकल ज्यादातर इंश्योरेंस कंपनियां अधिक लाइफ कवर के लिए ग्राहकों से ITR की मांग करती हैं. कंपनियां ITR के जरिए आय को वैरिफाई करती हैं. इसलिए ग्राहकों को अगर टर्म इंश्योरेंस या अन्य अधिक कवर वाली जीवन बीमा पॉलिसी लेनी है तो आयकर रिटर्न जरूर दाखिल करना चाहिए.

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बतौर एड्रेस प्रूफ भी कर सकते हैं इस्तेमाल
आयकर रिटर्न रेग्युलर फाइल करने के कई फायदे हैं. आजकल हर जगह एड्रेस प्रूफ की मांग रहती है. आधार कार्ड बनवाने या पासपोर्ट बनवाने के लिए आप आईटीआर के एसेस्मेंट ऑर्डर का उपयोग कर सकते हैं.

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नियमित रिटर्न भरने से बनेगा मजबूत वित्तीय बैकग्राउंड
नियमित आयकर रिटर्न फाइल करने से आपका बेहद मजबूत वित्तीय बैकग्राउंड बन जाएगा. ऐसी स्थिति में भविष्य में बड़ा लेन-देन करने पर आपको इनकम टैक्स विभाग की ओर से कोई नोटिस नहीं आएगा.