तीन तलाक पर हंगामे के बीच राज्यसभा 2 जनवरी तक के लिए स्थगित
केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने शुक्रवार को कहा कि सरकार को तीन तलाक विधेयक पर राज्यसभा में सभी दलों से सहयोग मिलने की उम्मीद है.
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा में तीन तलाक विधेयक पेश करने से पहले विपक्षी दलों ने सोमवार को एक बैठक की और विधेयक को आगे के विचार-विमर्श के लिए प्रवर समिति को सौंपने की मांग करने का फैसला किया. राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद की अध्यक्षता में संसद भवन के उनके चैंबर में बैठक हुई, जिसमें समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ'ब्रायन, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी राजा और केरल कांग्रेस के जोस के मणि सहित 12 विपक्षी दलों के नेताओं ने भाग लिया.
बैठक में मौजूद सूत्रों ने कहा कि बैठक में शामिल अधिकांश दलों ने कहा कि विधेयक को प्रवर समिति को भेजे जाने की जरूरत है.
द्रमुक नेता व राज्यसभा सदस्य के कनिमोझी ने कहा कि उनकी पार्टी का रुख तीन तलाक के 'अपराधीकरण' के खिलाफ पहले जैसा बना हुआ है.
उन्होंने पत्रकारों से कहा, 'हम तलाक बोलने पर जेल की सजा के विरोध में हैं. यहां तक कि इस्लामिक सिद्धांत भी तत्काल तीन तलाक की अनुमति नहीं देते हैं. हम विधेयक के खिलाफ मतदान करेंगे और यह द्रमुक का रुख है कि इसे (विधेयक को) विचार के लिए प्रवर समिति को भेजा जाए.'
तेलुगू देशम पार्टी (TDP) प्रमुख व आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अपने सभी सांसदों से मुसलमानों के उत्पीड़न को रोकने की अपील की.
उन्होंने कहा, "सभी विपक्षी दलों को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मुस्लिम विरोधी रवैये के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना चाहिए. सरकार द्वारा जबरन तीन तलाक विधेयक लागू करने की कोशिश करना धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रीय अखंडता के लिए एक खतरा है."
सरकार यह जानते हुए कि राज्यसभा में तीन तलाक विधेयक पारित होना आसान नहीं है, इसे प्राथमिकता देते हुए सोमवार को ऊपरी सदन में लेकर आई.
मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2018 को ऊपरी सदन में सूचीबद्ध किया गया है, जहां विपक्ष की संख्या अधिक है और BJP के प्रति मित्रता का रुख रखने वाली पार्टी अन्नाद्रमुक ने भी इस विधेयक का विरोध किया है.
लोकसभा में यह विधेयक कांग्रेस, अन्य विपक्षी दलों के विरोध व अन्नाद्रमुक के वॉक आउट के बावजूद पारित हो चुका है और सरकार ने इसे प्रवर समिति के पास भेजने से इनकार कर दिया था.
कांग्रेस के अलावा, अन्नाद्रमुक, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने भी लोकसभा में विधेयक का विरोध किया. इस दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन में BJP अध्यक्ष अमित शाह, वित्त मंत्री अरुण जेटली और गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ एक बैठक भी की.
और पढ़ें- क्या राज्यसभा में तीन तलाक पर मोदी सरकार को मिलेगा समर्थन, जानें क्या है समीकरण...
भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस ने अपने राज्यसभा सदस्यों को व्हिप जारी किया है. राज्यसभा में बहुमत नहीं होने की स्थिति में BJP को विधेयक पारित होने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा, 'यह काफी महत्वपूर्ण बिल है जो सकारात्मक और नकारात्मक तरीके से लोगों के जीवन को प्रभावित करेगा. इसलिए तीन तलाक़ बिल को बिना सिलेक्ट समिति के पास भेजे पास कराना ठीक नहीं है.'
Ghulam Nabi Azad, Leader of Opposition in Rajya Sabha: This is such an important bill which can positively or negatively affect the lives of crores of people can't be passed just like this without going to a select committee. #TripleTalaqBill pic.twitter.com/YU6rNrXI0X
— ANI (@ANI) December 31, 2018
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, 'सभी विपक्षी दल सर्वसम्मति से चाहते हैं कि इस बिल को पास कराने से पहले सिलेक्ट कमिटी के पास भेजी जाए.'
Derek O Brien, TMC in Rajya Sabha: All Opposition parties unanimously have decided that this bill must be sent to the select committee #TripleTalaqBill pic.twitter.com/OIZqwp8zjO
— ANI (@ANI) December 31, 2018
द्रमुक नेता व राज्यसभा सदस्य के कनिमोझी ने कहा कि उनकी पार्टी का रुख तीन तलाक के 'अपराधीकरण' के खिलाफ पहले जैसा बना हुआ है. उन्होंने पत्रकारों से कहा, 'हम तलाक बोलने पर जेल की सजा के विरोध में हैं. यहां तक कि इस्लामिक सिद्धांत भी तत्काल तीन तलाक की अनुमति नहीं देते हैं. हम विधेयक के खिलाफ मतदान करेंगे और यह द्रमुक का रुख है कि इसे (विधेयक को) विचार के लिए प्रवर समिति को भेजा जाए.'
तेलुगू देशम पार्टी (TDP) प्रमुख व आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अपने सभी सांसदों से मुसलमानों के उत्पीड़न को रोकने की अपील की. उन्होंने कहा, "सभी विपक्षी दलों को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मुस्लिम विरोधी रवैये के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना चाहिए. सरकार द्वारा जबरन तीन तलाक विधेयक लागू करने की कोशिश करना धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रीय अखंडता के लिए एक खतरा है."
तीन तलाक़ पर बीजेडी सांसद प्रसन्न आचार्य ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने जो भी फ़ैसला सुनाया है हम उससे सहमत हैं. बिल पास होना चाहिए लेकिन कुछ बदलाव के साथ. हम चाहते हैं कि तीन तलाक़ बिल जल्द से जल्द पास होनी चाहिए लेकिन कुछ बदलाव के साथ.'
Congress President Rahul Gandhi on #TripleTalaqBill in Rajya Sabha: The party has already made our stand clear pic.twitter.com/Kwl7SH6Pp5
— ANI (@ANI) December 31, 2018
तीन तलाक़ बिल पर चर्चा से पहले विपक्ष के हंगामे के बीच राज्य सभा दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित
#WinterSession : Rajya Sabha adjourned till 2 pm after uproar by opposition over different issues. pic.twitter.com/mATsfybsZl
— ANI (@ANI) December 31, 2018
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