पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव के परिवार के साथ बदतमीजी का सुषमा स्वराज देंगी संसद में जवाब
जाधव कथित जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद हैं जहां उनसे मिलने उनकी मां और पत्नी गई थीं।
नई दिल्ली:
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज कुलभूषण जाधव से उनकी मां और पत्नी के बीच की मुलाक़ात पर गुरुवार को दोनो सदन में बयान देंगी। बता दें कि बुधवार को लोकसभा के सदस्यों ने पाकिस्तान द्वारा कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी के साथ किए गए बुरे व्यवहार को लेकर सार्वजनिक रुप से निंदा की।
जाधव कथित जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद हैं जहां उनसे मिलने उनकी मां और पत्नी गई थीं। लोकसभा में मौजूद सुषमा स्वराज ने कहा कि वह इस मुद्दे पर गुरुवार को बयान देंगी।
लोकसभा में कुछ सदस्यों ने पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी भी की। निचले सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ समय बाद ही सत्तारूढ़ गठबंधन से संबद्ध इन सदस्यों ने 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारे लगाना शुरू कर दिए।
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अन्य मुद्दों पर शोरशराबे के बीच शिव सेना के सदस्य अरविंद सावंत ने कुलभूषण जाधव का मुद्दा उठाते हुए पाकिस्तान को आड़े हाथ लिया।
उन्होंने कहा, 'जिस तरह से पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव के परिवार के साथ बुरा व्यवहार किया है, वह निंदनीय है..हमें तबतक शांत नहीं होना चाहिए जबतक जाधव को घर वापस नहीं ले आया जाता।'
तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत रॉय ने उनका समर्थन करते हुए कहा कि एक हिंदू महिला की चूड़ियां, मंगलसूत्र और बिंदी निकलवाने की निंदा होनी चाहिए। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सभी पार्टियां इस मुद्दे पर एकजुट हैं। उन्होंने सरकार से जाधव को देश में वापस लाने का आग्रह किया।
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बता दें कि पाकिस्तान में कथित रूप से जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा का सामना कर रहे कुलभूषण जाधव ने 22 माह बाद सोमवार को अपनी मां अवंति और पत्नी चेतनकुल से मुलाकात की।
दोनों पक्षों के बीच शीशे की दीवार थी और इंटरकॉम के जरिए बातचीत हुई। जाधव की मां (70 वर्षीय) को उनकी मातृभाषा में अपने बेटे से बात करने नहीं दिया गया।
जब वह मराठी में बात करने की कोशिश करतीं, तो उन्हें रोक दिया जाता और हिंदी अथवा अंग्रेजी में बात करने के लिए कहा जाता। पाकिस्तान में भारत डेस्क का एक शीर्ष अधिकारी इस बातचीत पर नजर रखे हुए था।
भारत ने अपने बयान में कहा, 'सुरक्षा कारणों का हवाला देकर, परिजनों की सांस्कृतिक व धार्मिक संवेदनशीलता पर ध्यान नहीं दिया गया। उन्हें मंगलसूत्र, चूड़ियां, और बिदी तक उतारनी पड़ी और यहां तक कि अपने पोशाक भी बदलने पड़े।'
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बयान के अनुसार, 'जाधव की मां को उनके मातृभाषा में बात करने नहीं दिया गया, जबकि यह संचार का सहज माध्यम है। ऐसा करने पर उन्हें लगातार रोका गया और इसे आगे नहीं दोहराने के लिए कहा गया।'
जाधव की पत्नी के जूते भी ले लिए गए और उसे बाद में नहीं लौटाया गया। भारत ने कहा, 'कुछ असाधारण कारणों से, उनके बार-बार आग्रह करने के बावजूद, मुलाकात के बाद जाधव की पत्नी के जूते नहीं लौटाए गए।'
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इस पर भारत ने कहा, 'इस संबंध में हम किसी भी शरारती मंशा के खिलाफ पाकिस्तान को चेतावनी देते हैं।'
बयान के अनुसार, 'कई मौकों पर पाकिस्तानी मीडिया को जाधव के परिजनों के करीब आने का मौका दिया गया और उनलोगों ने उन्हें परेशान किया और जाधव पर झूठे आरोप लगाए। यह स्पष्ट रूप से उस समझौते के बाद किया गया कि मीडिया को उनलोगों के करीब नहीं आने दिया जाएगा।'
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