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बिलासपुर में नसबंदी के बाद चार पुरूषों की हालत बिगड़ी, निजी अस्पताल में भर्ती

बिलासपुर जिले में कोटा सामुदायिक केंद्र के अंदर नसबंदी के बाद चार पुरूषों की तबीयत बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

Updated on: 29 Dec 2017, 01:34 PM

नई दिल्ली:

छत्तीसगढ़ में बिलासपुर जिले में कोटा सामुदायिक केंद्र के अंदर नसबंदी के बाद चार पुरूषों की तबीयत बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बी बी बोड़े ने बताया कि करगीरोड-कोटा गांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बुधवार को किए गए 14 पुरुषों के नसबंदी आपरेशन के बाद चार पुरुषों की तबीयत खराब हो गई।

उन्होंने बताया कि मरीजों की हालत को देखते हुए उन्हें कोटा से बिलासपुर भेजा गया। मरीजों को एक निजी अस्पताल साव नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया है।

स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि डाक्टर के के साव पुरुष नसबंदी मामलों के खास विशेषज्ञ हैं इसलिए पुरूषों को बेहतर इलाज के लिए उनके अस्पताल में भर्ती कराया गया।

उन्होंने बताया कि निजी अस्पताल में धर्मेंन्द्र श्रीवास (26 वर्ष), राजकुमार लहरे (32 वर्ष), केशव प्रसाद विश्वकर्मा (34 वर्ष) और प्रमोद साहू (26 वर्ष) को भर्ती कराया गया है। सभी की स्थिति अब सामान्य है।

साव नर्सिंग होम के डाक्टर के के साव ने बताया कि बुधवार रात कोटा से बीएमओ प्रदीप अग्रवाल ने चार व्यक्तियों को यहां भेजा था। यहां सभी का तत्काल समुचित इलाज किया गया। एक व्यक्ति को सूजन की शिकायत थी इसलिए उसका फिर से आपरेशन किया गया।

चारों की हालत अब सामान्य है। जल्द ही उन्हें छुट्टी दे दी जाएगी।

गौरतलब है कि नवंबर 2014 में बिलासपुर के पेंडारी और पेंड्रा गांव में नसबंदी शिविर में 137 महिलाओं का ऑपरेशन हुआ था जिसके बाद 13 महिलाओं की मौत हो गई थी।