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किसानों की कर्ज माफी ठीक, तो Vijay Mallya दोषी क्‍यों?

किसान ऋण माफी (Farm loan waivers) को अगर सही ठहराया जा सकता है तो विजय माल्‍या (Vijay Mallya) का कर्ज लेकर गलत कैसे हो सकता है, जबकि दोनों ही मामले कानूनी रूप से एक जैसे ही हैं.

Updated on: 21 Dec 2018, 02:00 PM

नई दिल्‍ली:

Farm loan waivers : हाल ही खत्‍म हुए विधान सभा चुनाव के बाद तीन राज्‍यों मध्‍य प्रदेश, राजस्‍थान और छत्‍तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी है. इन राज्‍यों में कांग्रेस के बने मुख्‍यमंत्रियाें ने पहला आदेश किसान ऋण माफी (Farm loan waivers) का किया है. इसके चलते देश में किसान ऋण माफी (Farm loan waivers) को लेकर एक बहस शुरू हो गई है. इस मामले में दो ही पक्ष हैं पहला किसान ऋण माफी (Farm loan waivers) अच्‍छा कदम है और दूसरा पक्ष है कि किसान ऋण माफी (Farm loan waivers) अच्‍छा कदम नहीं है. हालांकि इसका एक तीसरा पक्ष भी है अगर किसान ऋण माफी (Farm loan waivers) अच्‍छा कदम है तो विजय माल्‍या (Vijay Mallya) बैंक का कर्ज न देने पर दोषी क्‍यों? यही नहीं वह लोग भी दोषी क्‍यों जिन्‍होंने बैंक से कर्ज लिया लेकिन अब दिक्‍कत में तो उनका कर्ज क्‍यों माफ नहीं हो रहा? इसलिए जरूरी है कि किसानों (Farmer) की समस्‍या पर ठीक से समझा जाए.

किसान ऋण माफी और विजय माल्‍या की तुलना क्‍यों
विजय माल्‍या (Vijay Mallya) पर आरोप है कि उन्‍होंने बैंक से कर्ज लिया और जानबूझ कर नहीं चुकाया. इसके अलावा विजय माल्‍या (Vijay Mallya) पर आरोप है कि उन्‍होंने जिस काम के लिए कर्ज लिया पैसा उस काम पर खर्च नहीं किया. अब जानते हैं कि कर्ज लेने वाले किसान (Farmer) का हाल. अभी तक देश में जितने भी किसान ऋण माफी (Farm loan waivers) के फैसले हुए हैं, उनमें यह नहीं कहा गया है कि उन किसानों (Farmer) का कर्ज माफ (Farm loan waivers) नहीं होगा जिन्‍होंने जानबूझ कर नहीं चुकाया है. साथ ही किसी भी किसान ऋण माफी (Farm loan waivers) पर यह नहीं कहा गया कि अगर किसानों (Farmer) ने खेती के नाम पर कर्ज लेकर पैसा और कहीं खर्च किया है तो उनका कर्ज माफ नहीं होगा.

एक देश में दो कानून कैसे
भारत में एक ही कानून लागू है. लेकिन कर्ज को लेकर देश में दो तरह के मानक अपनाए जा रहे हैं. किसानों (Farmer) के अलावा अन्‍य कोई भी कर्ज ले तो उसे कर्ज चुकाना ही पड़ेगा. अगर कर्ज नहीं चुका पाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होती है. अगर विजय माल्‍या को हटा कर इस मामले का देखा जाए तस्‍वीर ज्‍यादा साफ हो जाएगी. अगर किसी आम आदमी ने हाउसिंग लोन लिया है और किसी कारण वश उसकी नौकरी चली जाती है या उसकी किसी कारण से मौत हो जाती है, तो क्‍या उसका लोन माफ नहीं होना चाहिए? यही नहीं अगर किसी गरीब आदमी ने 25 या 50 हजार रुपए लेकर कारोबार शुरू किया है और वह किसी समस्‍या के चलते नहीं चुका पाता है तो क्‍या उसका लोन माफ नहीं होना चाहिए?
यह बात इसलिए उठी है कि क्‍योंकि कहा जाता है कि कभी सूखा तो कभी बाढ़ से किसानों (Farmer) का नुकसान हो जाता है. लेकिन ऐसा ही नुकसान आम आदमी का भी होता है, तो उसके लोन माफी के लिए क्‍यों नहीं सोचना चाहिए. इसलिए किसान कर्ज माफी (Farm loan waivers) के साथ अन्‍य मजबूर लोगों के कर्ज पर भी विचार करना चाहिए.

जानें किसान ऋण माफी (Farm loan waivers) से तीन राज्‍यों पर कितना पड़ेगा बोझ
हालांकि छत्‍तीसगढ़, मध्‍यप्रदेश और राजस्‍थान में किसान ऋण माफी (Farm loan waivers) की घोषणा तो हो चुकी है, लेकिन यह साफ नहीं है कि यह अकाउंट कितना होगा. लेकिन एक अनुमान है कि छत्‍तीसगढ़ में करीब 6000 करोड़ रुपये, मध्‍य प्रदेश में करीब 35000 करोड़ रुपये और राजस्‍थान में करीब 18000 करोड़ रुपये किसान ऋण माफी (Farm loan waivers) के रूप में दिया जाएगा.

किसान कर्ज माफी (Farm loan waivers) की हिस्‍ट्री
उपलब्‍ध आंकड़ों के अनुसार अभी तक देश में किसान कर्ज माफी (Farm loan waivers) के नाम पर लगभग 2.23 लाख करोड़ रुपए का कर्ज माफ हो चुका है. अगर तीन राज्‍यों की किसान कर्ज माफी (Farm loan waivers) इसमें और जोड़ दी जाए तो यह करीब 3 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा.

देखें किसान कर्ज माफी (Farm loan waivers) के आंकड़े
- 1990 में देशभर के किसानों (Farmer) का 10000 करोड़ रुपए का कर्ज माफ हुआ
- 2008 में भी देशभर के किसानों (Farmer) का 52260 करोड़ रुपए का कर्ज माफ हुआ
- 2014 में आंध्रा में हुआ था 24000 करोड़ रुपये का कर्ज माफ
- 2014 में तेलंगाना में किसानों (Farmer) का हुआ था 17000 करोड़ रुपए का कर्ज माफ
- 2016 में तमिलनाडु में किसानों (Farmer) का हुआ था 6000 करोड़ रुपए का कर्ज माफ
- 2017 में उत्‍तर प्रदेश में किसानों (Farmer) का हुआ था 36000 करोड़ रुपये का कर्ज माफ
- 2017 महाराष्‍ट्र में किसानों (Farmer) का हुआ था 34 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ
- 2017 पंजाब में किसानों (Farmer) का हुआ था 10000 करोड़ रुपए का कर्ज माफ
- 2018 कर्नाटक में हुआ था 34000 करोड़ रुपये का कर्ज माफ

फिर भी क्‍यों नहीं सुधर रही किसानों (Farmer) की दशा
इतनी किसान कर्ज माफी (Farm loan waivers) के बाद भी आखिर क्‍यों किसानों (Farmer) की दशा नहीं सुधर पा रही है, यह ज्‍यादा चिंता की बात है. इसका सबसे कारण है राजनैतिक दलों की मंशा है. किसानों के लिए फसल बीमा की योजना बनती है तो केन्‍द्र और राज्‍य सरकारें इस बात पर लड़ती हैं कि इसका प्रीमियम कौर देगा और देगा भी तो कौन कितना देगा. हालांकि यह अकाउंट कुछ हजार करोड़ रुपये का ही होता है. लेकिन लाखों करोड़ रुपये का कर्ज माफ एक झटके में किया जाता है. ऐसा ही न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (MSP) को लेकर है. जो पैसा किसानों (Farmer) को कर्ज माफी के नाम पर दिया जा रहा है अगर वह पैसा न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य को बढ़ा कर दिया जाए तो आज भी खेती करना लाभ का और आकर्षक काम हो सकता है. इसके चलते कृषि क्षेत्र में टेलेंट भी आकर्षित होगा जिसका लम्‍बे समय में किसानों और देश को भी फायदा होगा.