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काजी जी दुबले क्यों...शहर के अंदेशे में, नायडू पर सही उतर रही यह कहावत

आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय फलक पर ब्रांड बनाने का ख्वाब देख रहे टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के लिए एग्जिट पोल एक ऐसे दुस्वप्न की तरह अवतरित हुए हैं, जिन्होंने उनके दिल्ली की राजनीति में किंगमेकर की भूमिका पर भी एक बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा दिया है.

Updated on: 23 May 2019, 07:54 AM

highlights

  • आंध्रप्रदेश विधानसभा के एग्जिट पोल में चंद्रबाबू सत्ता से हाथ धो रहे.
  • वायएसआर कांग्रेस के जगन मोहन रेड्डी उभर रहे आंध्र के नए नेता बतौर.
  • इसके बावजूद चंद्रबाबू नायडू मिशन महागठबंधन को आकार देने में लगे.

नई दिल्ली.:

यह कहावत रविवार को आए एग्जिट पोल (Exit Polls) के बाद आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी के नेता चंद्रबाबू नायडू पर बिल्कुल खरी उतर रही है. नायडू केंद्र में गैर बीजेपी (Non BJP) सरकार की स्थापना के लिए विपक्षी नेताओं से मेल-मुलाकात कर मिशन महागठबंधन को आकार देने में लगे हैं, जबकि खुद अपने प्रदेश में वह सत्ता से बेदखल होने जा रहे हैं. रविवार को ही लोकसभा चुनाव के साथ आंध्रप्रदेश विधानसभा चुनाव के एक्जिट पोल भी आए. लगभग सभी चैनलों और सर्वे एजेंसियों ने नायडू की पार्टी टीडीपी की सत्ता से रवानगी है. उनके स्थान पर वायएसआर कांग्रेस के जगन मोहन रेड्डी आंध्र प्रदेश में नई सरकार बनाने जा रहे हैं.

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जगन ने स्वतंत्र भारत की सबसे लंबी पदयात्रा कर लिखी बदलाव की इबारत
गौरतलब है कि फरवरी में कोलकाता में सीबीआई गिरफ्तारी (CBI Fiasco) प्रकरण के बाद से एक तरफ टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू केंद्र में गैर बीजेपी सरकार की स्थापना के लिए विपक्षी नेताओं की चौखट नाप रहे थे. दूसरी ओर स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार 3,648 किमी लंबी पदयात्रा (Walkathon) कर वायएसरआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी आंध्रप्रदेश की राजनीति में नाटकीय मोड़ लाने की इबारत लिख रहे थे. जगन मोहन ने राज्य में टीडीपी को हटाने के लिए 341 दिनों में 13 जिलों की परिक्रमा की. जाहिर है उनकी मेहनत रंग लाती दिख रही है.

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पोल ऑफ द पोल्स जगन के पक्ष में
रविवार को विभिन्न मीडिया घरानों और एजेंसियों के आंध्रप्रदेश विधानसभा को लेकर आए एग्जिट पोल राज्य की राजनीति में भारी उलटफेर का इशारा कर रहे हैं. लगभग सभी टीडीपी की करारी शिकस्त की ओर इशारा कर रहे हैं. न्यूज नेशन के लोकसभा एग्जिट पोल में वायएसआर कांग्रेस (YSRCP) को 17 से 19 के बीच, तो टीडीपी को 7 से 9 के बीच सीटें मिलती दिख रही हैं. इंडिया टुडे के आंध्र प्रदेश विधानसभा के एक्जिट पोल भी जगन की पार्टी को 130 से 135 सीटें, आई न्यूज 100, पीपुल्स पल्स 112 सीटें वायएसआर कांग्रेस को दे रहे हैं. हालांकि नायडू के लिए राहत की बात सिर्फ यही है कि आईएनएसएस मीडिया और टीवी 5 ही उनकी सत्ता में वापसी दिखा रहा है. दोनों ही क्रमशः टीडीपी (TDP) को 118 और 105 सीटें दे रहे हैं. जाहिर है पोल ऑफ द पोल्स जगन मोहन रेड्डी के पक्ष में है.

आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव का एक्जिट पोल 2019 
संस्था टीडीपी वायएसआरसी जन सेना
इंडिया टुडे 37-40 130-135 1
आईएनएसएस मीडिया 118 52 5
आई न्यूज 49 100 0
पीपुल्स पल्स 59 112 4
सीपीएस 37-40 133-135 0
टीवी 5 105 68 2


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नायडू के वनवास के संकेत दे रहे एक्जिट पोल
कह सकते हैं कि आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती (Amrawati) को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय फलक पर 'ब्रांड' बनाने का ख्वाब देख रहे टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) के लिए एग्जिट पोल एक ऐसे दुस्वप्न की तरह अवतरित हुए हैं, जिन्होंने उनके दिल्ली की राजनीति में किंगमेकर की भूमिका पर भी एक बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा दिया है. यही नहीं राज्य की सत्ता से हाथ धोकर नायडू अपने लिए वनवास सरीखी भूमिका में आ जाएंगे. कह सकते हैं कि 2018 के मार्च में एनडीए से अलग होकर चंद्रबाबू नायडू ने राजनीतिक तौर पर एक बड़ी गलती कर दी. उससे भी बड़ी गलती वे मिशन महागठबंधन (Mission Mahagatbandhan) को आकार देकर कर चुके हैं. कांग्रेस से उनकी गहराती नजदीकियों ने एनडीए के दरवाजे उनके लिए फिलहाल तो लंबे समय के लिए बंद ही कर दिए हैं. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी इस संभावना को तेलंगाना चुनाव में स्पष्ट कर चुके हैं.

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एनडीए छोड़ बड़ी गलती कर बैठे नायडू
नायडू ने सिर्फ यही गलती नहीं की है, बल्कि बीजेपी पीएम नरेंद्र मोदी (Prime Minister) सरकार के विशेष पैकेज को ठुकरा कर उन्होंने राज्य में जिस राजनीति की जमीन तैयार की थी, वह अब बैकफायर (Backfire) करती दिख रही है. गौरतलब है कि आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर उन्होंने एनडीए से नाता तोड़ा था. यह तब था जब बीजेपी आंध्र को आर्थिक पैकेज (Financial Package) देने को तैयार थी. लेकिन नायडू के तेवर उन्हें कह सकते हैं कि ले डूबे. यहां यह नहीं भूलना चाहिए कि एनडीए का घटक रहते हुए ही उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में जगन मोहन रेड्डी के सीएम बनने के ख्वाब पर पानी फेरा था.

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लेकिन चंद्रबाबू नाप रहे विपक्षी नेताओं की चौखट
चंद्रबाबू नायडू की इस दोहरी राजनीति को जगन ने अपना आधार बनाया और राज्य के विकास के ऊपर नायडू के निजी स्वार्थ को मुद्दा बनाकर आज यह स्थिति खड़ी कर दी. इस 'तल्ख' सच्चाई से आंख बंद किए नायडू अभी भी केंद्रीय राजनीति में अपनी भूमिका को लेकर प्रयास कर रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से लेकर वह बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati), सपा नेता अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav), एनसीपी नेता शरद पवार (Sharad Pawar), लोकतांत्रितक जनता दल के नेता शरद यादव (Sharad Yadav), तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) तक से मुलाकात कर चुके हैं. जाहिर है रविवार को आए एग्जिट पोल महागठबंधन के सभी नेताओं के लिए पेशानी पर बल लाने वाले हैं. ऐसे में नायडू की भूमिका केंद्र तो छोड़िए अपने राज्य आंध्र प्रदेश में भी अप्रासंगिक होने वाली है. फिर भी इसकी फिक्र छोड़ वे विपक्षी नेताओं की चौखट नापने में व्यस्त हैं. यानी काजीजी दुबले क्यों शहर के अंदेशे में...