logo-image

अल्ट्रासाउंड के लिए अस्पताल गई थी प्रेगनेंट महिला, स्क्रीन पर दिखाई दी ऐसी चीज.. सन्न रह गए डॉक्टर

सीने के बाहर दिल धड़कने के मामले में यह ब्रिटेन का ऐसा पहला मामला था, जिसमें बच्चे को बचा लिया गया.

Updated on: 13 Feb 2019, 08:45 AM

नई दिल्ली:

दुनिया की हर एक महिला का सपना होता है कि वह अपनी कोख से बच्चे को जन्म दे और मातृत्व का सुख प्राप्त करे. बच्चे को जन्म देने से पहले नौ महीने की प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को कई बार मेडिकल जांच करानी होती है. इस दौरान गर्भवती महिला को कई बार अल्ट्रासाउंड भी कराना होता है ताकि गर्भ में पल रहे बच्चे की स्थिति के बारे में पता लगाया जा सके. करीब दो साल पहले यूरोपीय देश इंग्लैंड से एक बेहद ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया था, जिसे देखने के बाद गर्भवती महिला ही नहीं बल्कि जांच कक्ष में मौजूद सभी डॉक्टर्स भी हैरान रह गए. यहां अल्ट्रासाउंड कराने आई एक महिला की रिपोर्ट में डॉक्टरों को कुछ ऐसा दिखाई दिया, जो पूरी तरह से असाधारण था.

डिलीवरी से पहले जब डॉक्टरों ने महिला का अल्ट्रासाउंड किया तो उन्होंने महिला के गर्भ में एक हैरतअंगेज हरकत को नोटिस किया. उन्होंने देखा कि गर्भ में पल रही बच्ची एक अजीबो-गरीब चीज के साथ खेल रही है. डॉक्टरों ने जब उस चीज को गहराई से देखा तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. दरअसल महिला की कोख में पल रही बच्ची का दिल सीने के बाहर धड़क रहा था और बच्ची अपने दिल के साथ खेल रही थी. ये सारा नजारा देख डॉक्टरों के हाथ-पांव फूल गए. डॉक्टरों को लगा कि बच्ची का जिंदा रहना काफी मुश्किल है. महिला की डिलीवरी के लिए करीब 50 डॉक्टरों की टीम ने मोर्चा संभाल लिया. जिसके बाद ऐसा चमत्कार हुआ, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. जन्म लेने के बाद बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ थी.

ये भी पढ़ें- बेटी को अंतरराष्ट्रीय पहलवान बनाने के लिए ट्रेन में दिनभर चने बेचते हैं पिता, घर लौटते ही खत्म हो जाती है दिनभर की कमाई

सीने के बाहर दिल धड़कने के मामले में यह ब्रिटेन का ऐसा पहला मामला था, जिसमें बच्चे को बचा लिया गया. अब डॉक्टरों के सामने एक बेहद ही गंभीर समस्या आ खड़ी हुई थी. डॉक्टरों को जल्द से जल्द बच्ची के दिल को सीने के अंदर डालना था. डॉक्टरों ने बच्ची के सीने में उचित जगह पर चीरा लगाकर जगह बनाया और करीब दो हफ्ते के भीतर सीने के बाहर धड़क रहा दिल अंदर समा गया. राहत की बात ये है कि बच्ची अब बिल्कुल स्वस्थ है. हालांकि वह अभी भी दवाइयों के सहारे ही रहने को मजबूर है. नाओमी फिंडले नाम की महिला ने अपनी बच्ची का नाम वेनेलोप रखा.