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भीम के अंदर आखिर कैसे आई थी 10 हजार हाथियों की शक्ति, बहुत ही कम लोग जानते हैं महाभारत का ये रहस्य

एक बार की बात है, भीम को मारने के विचार से दुर्योधन ने गंगा के किनारे एक खेल शिविर लगाया था.

Updated on: 05 Feb 2019, 09:14 AM

नई दिल्ली:

महाभारत सिर्फ भगवान श्री कृष्ण के शक्तिशाली और प्रभावशाली उपदेशों और युद्ध के लिए ही नहीं जाना जाता बल्कि यह अपने ताकतवर योद्धाओं के लिए भी जाना जाता है. महाभारत में पांडवों और कौरवों की बात की जाए तो, पांडवों के 5 भाई ही 100 कौरवों पर काफी भारी थे. पांडवों या यूं कहिए कि पूरे महाभारत का सबसे शक्तिशाली योद्धा कोई और नहीं बल्कि भीम थे. भीम की शक्ति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके अंदर 10 हजार हाथियों जितनी ताकत थी. लोगों के मन में भीम की शक्ति को लेकर कई तरह के सवाल खड़े होते रहते हैं कि आखिर एक साधारण-सा दिखने वाला मनुष्य इतना ताकतवर कैसे हो सकता है?

चलिए आज हम आपको इस सवाल का जवाब देने जा रहे हैं कि आखिर साधारण-से दिखने वाले भीम के अंदर इतनी शक्तियां कहां से आईं. मान्यताओं के अनुसार भीम की रहस्यमयी शक्ति के पीछे एक बेहद ही रोमांचक कहानी है. जिसमें बताया गया है कि भीम बड़े होकर नहीं बल्कि बचपन से ही काफी शक्तिशाली थे. वे कुश्ती, दौड़ या फिर निशानेबाजी में कौरवों को पलक झपकते ही हरा देते थे. भीम बेशक शारीरिक रूप से काफी बलवान थे, लेकिन उनके मन किसी भी कौरव के प्रति कोई छल नहीं था. हालांकि दुर्योधन के मन में भीम के प्रति दुर्भावना शुरू से ही मौजूद थी. दुर्योधन ने एक बार नहीं बल्कि कई बार भीम को मारने की कोशिश भी की थी.

एक बार की बात है, भीम को मारने के विचार से दुर्योधन ने गंगा के किनारे एक खेल शिविर लगाया था. यहां खेलों में हिस्सा लेने वाले सभी खिलाड़ियों के लिए खाने-पीने की भी व्यवस्था भी की गई थी. गंगा के तट पर आयोजित खेल शिविर में हिस्सा लेने के लिए भीम भी आए थे, जिनके खाने में दुर्योधन ने जहर मिला दिया था. जहरीला खाना खाते ही भीम बेहोश हो गए, जिसके बाद उन्हें गंगा में फेक दिया गया था. भीम बेहोशी की ही हालत में गंगा नदी में तैरते-तैरते नागलोक पहुंच गए थे. जहां पहुंचने के बाद उन्हें सांपों ने जमकर डंसा. सांपों के डंसने की वजह से भीम के शरीर में खाने में मिले जहर का असर कम हो गया. होश में आते ही भीम ने सांपों को मारना शुरू कर दिया. जिसके बाद घबराए सांप नागराज वासुकि के पास पहुंचे और उन्हें पूरा मामला समझाया.

सांपों की बात सुनने के बाद खुद नागराज वासुकि आर्यक नाग भीम के पास पहुंचे, भीम के पास जाते ही नागराज ने उन्हें पहचान लिया. दरअसल, आर्यक नाग भीम के नाना के नाना थे. जिसके बाद वे भीम को लेकर नागलोक पहुंचे. आर्यक ने नागराज वासुकि से आज्ञा मांगी कि वे भीम को उन कुंडों का अमृत पिलाना चाहते हैं, जिनमें हजारों हाथियों की शक्ति है. आज्ञा मिलने के बाद भीम ने वहां मौजूद 8 कुंडों का अमृत पी लिया और एक मायावी शय्या पर लेटकर सो गए. लगातार 8 दिनों तक सोने के बाद जब भीम की आंखें खुली तो उनमें 10 हजार हाथियों की शक्ति आ चुकी थी. तो इस तरह भीम के अंदर 10 हजार हाथियों की शक्ति आई और वे बेहद ही शक्तिशाली बन गए.