अपनी ही तेरहवीं के श्राद्धभोज में घर पहुंचा बेटा, फिल्म से भी ज्यादा रोमांचक है बिहार का ये मामला
संजीव की गुमशुदगी दर्ज होने के कुछ दिन बाद पुलिस को गंडक नदी के किनारे एक शव मिला था. पुलिस ने एसकेएमसीएच में शव का पोस्टमार्टम करा दिया.
नई दिल्ली:
बिहार के मुजफ्फरपुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक शख्स अपनी तेरहवीं समारोह के दौरान घर लौट आया. जी हां, आपको सुनने में बेशक थोड़ा अजीब लग रहा हो लेकिन मुजफ्फरपुर से सामने आया ये मामला बिल्कुल फिल्मी कहानी जैसा ही है. दरअसल मुशहरी थानाक्षेत्र के बुधनगरा गांव का रहने वाला संजीव कुमार बीते महीने 25 अगस्त को अचानक अपने घर से लापता हो गया था. जिसके बाद संजीव के पिता रामसेवक ठाकुर ने पुलिस में अपने की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
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संजीव की गुमशुदगी दर्ज होने के कुछ दिन बाद पुलिस को गंडक नदी के किनारे एक शव मिला था. पुलिस ने एसकेएमसीएच में शव का पोस्टमार्टम करा दिया. पुलिस ने संजीव के परिजनों को शव की पहचान करने के लिए अस्पताल बुलाया. परिजनों ने शव की जांच-पड़ताल किए बगैर ही उसे संजीव मान लिया. इतना ही नहीं संजीव के परिवार वालों ने शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया और बेटे की आत्मा की शांति के लिए तेरहवीं की तैयारियों में जुट गए.
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रामसेवक ठाकुर घर में बेटे की तेरहवीं के दिन श्राद्ध भोज की तैयारियां कर रहे थे तभी उनके सामने उनका बेटा संजीव आ गया. बेटे को जिंदा देखकर रामसेवक ठाकुर को विश्वास ही नहीं हो रहा था. देखते ही देखते संजीव के लौटने की खबर पूरे गांव में फैल गई और उसे देखने के लिए घर पर गांव वालों की भीड़ इकट्ठा हो गई. हालांकि इस बात की जानकारी नहीं है कि आखिर संजीव इतने दिनों से कहां गायब था.
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