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2011 में ही मर चुकी थी मां, बड़े बेटे ने कर दिया 'जिंदा'.. पढ़कर हैरान रह जाएंगे आप

नियम के मुताबिक गिफ्ट डीड किसी मृत व्यक्ति के नाम से नहीं बनवाई जा सकती.

Updated on: 19 Dec 2018, 03:55 PM

नई दिल्ली:

नोएडा में 285 करोड़ रुपए की संपत्ति के लिए मृत मां को दस्तावेजों में जिंदा करने का मामला सामने आया है. इस मामले में पुलिस ने आरोपी पति-पत्नी और उनके बेटे को गिरफ्तार कर लिया है. नोएडा में रहने वाले विजय गुप्ता ने बड़े भाई सुनील के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. विजय ने दावा किया है कि मोमबत्ती की कंपनी हासिल करने के लिए सुनील ने दस्तावेजों में मृत मां को जिंदा दिखा दिया.

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सुनील की मां कमलेश रानी का निधन 7 मार्च 2011 को हो गया था. उनकी कुल संपत्ति 285 करोड़ रुपए की है, जिसमें मुंबई स्थित एक मोमबत्ती की फैक्ट्री भी शामिल है. फैक्ट्री का एक ऑफिस नोएडा में भी है. कमलेश रानी ने अपनी वसीयत में लिखा था कि मरने के बाद उनके बेटों में यह जायदाद बांट दी जाए. विजय गुप्ता ने जिला कोर्ट में अपने बड़े भाई पर आरोप लगाया कि उसने गलत दस्तावेज बनवाए और कंपनी पर कब्जा कर लिया, जबकि कंपनी में वह भी पार्टनर था।.

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विजय का आरोप है कि सुनील ने मुंबई स्थित रजिस्ट्रार ऑफिस में पेश दस्तावेजों में बताया कि मोमबत्ती बनाने वाली कंपनी उसे मां से तोहफे के रूप में मिली है. इसकी वसीयत (गिफ्ट डीड) भी कराई जा चुकी है. नियम के मुताबिक गिफ्ट डीड किसी मृत व्यक्ति के नाम से नहीं बनवाई जा सकती. डीड में मृत मां को जिंदा बताया गया था.' विजय गुप्ता ने नोएडा के सेक्टर-20 में अपने बड़े भाई सुनील, भाभी, उनके दो बेटों और पांच अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया है. केस पांच साल पुराना है.