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'मैं जिंदा हूं', 2 साल से ये साबित करने में जुटी महिला, मान नहीं रहे अफसर

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रतलाम (Ratlam) शहर में एक महिला के साथ कुछ इस तरह का वाकया सामने आया है जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे. महिला पिछले दो साल से खुद को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही है.

Updated on: 27 Feb 2020, 11:40 AM

रतलाम:

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रतलाम (Ratlam) शहर में एक महिला के साथ कुछ इस तरह का वाकया सामने आया है जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे. महिला पिछले दो साल से खुद को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही है. इसके बाद भी कोई उसे सुनने के लिए तैयार नहीं है. वह रोज इसी उम्मीद के साथ सरकारी कार्यालय जाती है कि कोई उसका परेशानी को समझेगा लेकिन उसकी सारी उम्मीदें खत्म होती जा रही हैं.

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दरअसल, रतलाम में एक महिला खुद को जिंदा साबित करने के लिए बीते दो वर्षों से सरकारी बाबुओं और दफ्तरों के चक्कर काट रही है, लेकिन उसकी तकलीफों को कोई नहीं सुन रहा है. पीड़िता का नाम रेखा है और वो रतलाम के खातीपुरा की रहने वाली है. रेखा के पति की दो साल पहले मौत गई थी, जिसके बाद पीड़ित महिला जब विधवा पेंशन के लिए आवेदन करने नगर निगम के दफ्तर पहुंची, तो वहां दस्तावेजों में पति के साथ ही उसे भी मृत घोषित कर दिया गया था.

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विधवा पेंशन के लिए रेखा बीते दो वर्षों से खुद को जिंदा साबित करने और दस्तावेज को सही कराने के लिए अलग-अलग अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काट रही है, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है. पीड़िता ने कहा कि वो सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाकर अब थक चुकी है. कहीं से मदद नहीं मिलने के बाद रेखा ने जिलाधिकारी की जनसुनवाई में अपनी शिकायत दर्ज करवाई, जिसके बाद जिम्मेदार अधिकारियों ने उसे दस्तावेजों में जिंदा दिखाने और उसे ठीक करने के लिए 15 दिनों का समय मांगा.