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कोचिंग से लौटकर 47 वर्षीय मां को पढ़ाती थी बेटी, दोनों को एक साथ मिली सरकारी नौकरी

तीन बेटियों की मां एन. शांतिलक्ष्मी ने अपने पति ए. रामचंद्रन का 2014 में निधन होने के बाद परिवार के भरण-पोषण के लिए नौकरी की तलाश शुरू की.

Updated on: 03 Mar 2019, 04:02 PM

चेन्नई:

यहां 47 वर्षीय एक महिला और उनकी 28 वर्षीय बेटी ने साथ-साथ कोचिंग कर व परीक्षा देकर तमिलनाडु सरकार में अच्छी नौकरी पाई है. तीन बेटियों की मां एन. शांतिलक्ष्मी ने अपने पति ए. रामचंद्रन का 2014 में निधन होने के बाद परिवार के भरण-पोषण के लिए नौकरी की तलाश शुरू की. वे कला में स्नातक (बी.ए.) तथा बी.एड. कर चुकी थीं. शांतिलक्ष्मी ने कहा, "मैं एक गृहिणी हूं. लेकिन पति की मृत्यु के बाद मैंने नौकरी करने का निर्णय लिया." पिछले साल, थेनी जिले में शांतिलक्ष्मी और उनकी बड़ी बेटी आर. तेनमोजी एक स्कूल शिक्षक जी. सेंथिलकुमार द्वारा संचालित निशुल्क कोचिंग जाने लगीं.

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सेंथिलकुमार ने कहा, "शांतिलक्ष्मी अपनी बेटी को प्रवेश दिलाने के लिए कोचिंग आई थीं. लेकिन जब हमने उन्हें बताया कि वे भी परीक्षा में शामिल हो सकती हैं तो उन्होंने भी कोचिंग में आने का फैसला कर लिया." उन्होंने बताया कि तमिलनाडु लोक सेवा आयोग की समूह चार के रिक्त पदों के लिए न्यूनतम योग्यता कक्षा 10 से ज्यादा योग्यता बाले उम्मीदवारों को आयु में असीमित छूट दी गई है.

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सेंथिलकुमार ने कहा, "कक्षा में जहां अन्य छात्र उनकी बेटी की आयु के थे, वहीं शांतिलक्ष्मी ने प्रश्न पूछने में कभी हिचकिचाहट महसूस नहीं की. जब वे कोचिंग नहीं आ पातीं तो उनकी बेटी उन्हें घर पर पढ़ाती." शांतिलक्ष्मी ने कहा, "मुझे स्वास्थ्य विभाग में नियुक्ति मिली है. उम्मीद है कि मुझे थेनी में ही तैनाती मिलेगी. ऐसा ना होने पर भी मैं नौकरी करूंगी." कला में स्नातक (तमिल साहित्य) उनकी बेटी हिंदू धार्मिक एवं धर्मार्थ बंदोबस्त विभाग में तैनात होंगी.